एक तरफ कुआं दूसरी तरफ खाई मतलब समझ लो दोनों तरफ से शामत आई। यह कोई कहावत नहीं बल्कि हकीकत है। दरअसल की कहावत वर्तमान समय में खोरी गांव निवासियों पर असल में साबित होता हुआ दिखाई दे रहा है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही निगम को मोहलत देते हुए खोरी पर कार्यवाही की रिपोर्ट 6 हफ्ते में तलब करने की बात कह दी है। अब तक बात सिर्फ जिले के खोरी गांव की थी लेकिन अब बात लाल कुआं पर आकर अटक गई है। दरअसल, दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग की ओर से खोरी गांव के लाल कुंआ क्षेत्र में पैमाइश करवाई गई।
जिसमें यहां के कुछ क्षेत्र को फरीदाबाद का दर्शाया गया। जिसके बाद यहां के बिजली-पानी कनेक्शन काट दिए गए।
यही कारण हैं कि दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग की पैमाइश लाल कुआं चुंगी नंबर तीन वासियों के लिए भारी पड़ गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गांव खोरी से लगते लाल कुंआ क्षेत्र के करीब 50 घरों के हिस्से को फरीदाबाद का दिखाकर दिल्ली के अधिकारियों ने बिजली-पानी कनेक्शन काट कर इनकी परेशानी को दुगुना कर दिया हैं।
करीब एक सप्ताह से यहां के लोग इसकी वजह से बेहाल हैं। लोगों का आरोप है कि जब उनके सभी कागजात दिल्ली के हैं। वोट भी वे दिल्ली में देते हैं, तो वे हरियाणा के कैसे हो गए। अधिकारियों ने बिना उनके कागजात जांचे कनेक्शन काट दिए।
एक तरफ जिले में खोरी बस्ती है तो दूसरी तरफ सामने लाल कुआं जो दिल्ली का है। वहीं मिली जानकारी के मुताबिक कई लोगों के दोनों ही जगह पर मकान बने हुए हैं। उन लोगों ने दोनों ही पतो पर पहचान पत्र भी बनाए हुए हैं।
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खोरी के ठीक सामने वाला लाल कुआं जिसे दिल्ली प्रशासन ने निशानदेही करके उन लोगों के डर को दूर करने का फैसला लिया है जो खोरी के ठीक सामने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे थे।
नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार खोरी गांव में 125 एकड़ जमीन है। जिसमें से 80 एकड़ जमीन पर कब्जा किया हुआ है। इस कब्जे को खाली कराया जाएगा। गांव की सीमा से ही दिल्ली का लाल कुंआ तीन नंबर चुंगी का क्षेत्र लगता है। सुप्रीम कोर्ट ने जंगल की जमीन को पूरी तरह से मुक्त कराने का आदेश जारी किया है।
इसके बाद से फरीदाबाद और दिल्ली प्रशासन लगातार अपनी तैयारियों में जुटा है। फरीदाबाद जिला प्रशासन और नगर निगम की ओर से जहां एक ओर लगातार गांव में मुनादी करवाई जा रही है। लोगों को घर खाली करने के लिए कहा जा रहा है। वहीं
वहीं जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने बताया कि वह दक्षिण दिल्ली के प्रशासनिक अधिकारियों से बराबर संपर्क साध रहे हैं ताकि खोरी में कार्यवाही के दौरान कोई परेशानी न हो। इसके अलावा निगमायुक्त डॉ गरिमा मित्तल ने कहा कि खोरी में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्यवाही की तैयारी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है।