खेती – बाड़ी में हर कोई मुनाफा कमाना चाहता है। पिछले कुछ सालों से मुनाफा किसान कमाने भी लगे हैं। गांव राणोली निवासी 38 वर्षीय छाजूलाल मीना 40 बीघा जमीन पर आज से 7 साल पहले तक परंपरागत खेती कर गेहूं, मक्का, चना जैसी फसलें करते आ रहे थे। आय कम हुई तो कुछ नया करने की सोची। उद्यान विभाग के उपनिदेशक व कृषि अधिकारी ने नींबू की खेती करने का आइडिया दिया और इसी आइडिया ने छाजूलाल की किस्मत बदल दी।
एक आईडिया इंसान की ज़िंदगी को कभी भी पलट सकता है। बस उस आईडिया पर काम करने की ज़रूरत होती है। वर्तमान में 16 बीघा में नींबू की खेती से 10 लाख रुपए सालाना कमाई कर रहे हैं। नींबू के इतने उत्पादन के बाद अब वे प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की भी सोच रहे हैं।
पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि किसान परंपरागत खेती को छोड़कर कुछ नया ट्राई कर रहे हैं। यह किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है। इस किसान ने कृषि विभाग के अधिकारियों की प्रेरणा से नींबू के एक हजार पौधे लगाए थे। वे कहते हैं कि पौधों पर 50 प्रतिशत और ड्रिप सिंचाई पद्धति पर 90 प्रतिशत तक सरकारी अनुदान मिला है। नींबू के इन पेड़ों से तीन साल बाद फल आने लगे थे।
इस आईडिया पर काम करते हुए उन्होंने सकारात्मकता नहीं छोड़ी। लगातार प्रयासरत रहे। पहले तो जहां 40 बीघा जमीन से ही काफी कम कमाई होती थी, वहीं अब 16 बीघा पर लगे नींबू के पेड़ों ने ही उसकी तकदीर बदल कर रख दी। इसमें खर्चा भी काफी कम आता है। नींबू के पेड़ों की उम्र 25 से 30 साल बताई जा रही है। जबकि 24 बीघा में वे दूसरी फसलें ले रहे हैं।
खेती-बाड़ी में पिछले कुछ सालों के अंदर अनेकों बदलाव आये हैं। किसान नए – नए तरीकों से और फसलों से खेती में अपना भविष्य बना रहे हैं। किसानों को पिछले कुछ वर्षों के दौरान खेती-बाड़ी में मोटा मुनाफा होने लगा है। किसान को अब अपनी मेहनत के दाम मिलने लगे हैं।