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सत्ता खोने के डर से लगाया था आपातकाल, आज मनाया जा रहा है काले दिवस के रूप में

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जो व्यक्ति या घटना इस विचार के खिलाफ जाता, उससे इंदिरा गांधी असुरक्षित हो जाती थी। इसी तानाशाही के कारण 1975 में देश में आपातकाल को जन्म दिया। इसका कारण था सत्ता छिन जाने का डर। हर साल 25 जून को संपूर्ण देश में काला दिवस के रूप में मनाया जाता है।

आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी द्वारा कई मनमाने फैसले किए गए। जिसमें संसद और विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष करने का फैसला भी था और आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 2019 तक जिस प्रदेश में यह फैसला लागू हुआ उसका नाम जम्मू–कश्मीर है। आपको बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा प्राप्त होने के बाद इसका कार्यकाल भी अन्य राज्यों की तरह पांच वर्ष का हो गया है।

सत्ता खोने के डर से लगाया था आपातकाल, आज मनाया जा रहा है काले दिवस के रूप में

शेख अब्दुल्ला का कहना था कि जम्मू-कश्मीर भी पूरे हिंदुस्तान के साथ चलेगा। यह हिंदुस्तान के मुख्यधारा में है। इसलिए संविधान संशोधन के जरिए विधानसभा का कार्यकाल छः वर्ष का कर दिया था। सन् 1977 में आपातकाल हटने के बाद जनता पार्टी के नेता मोरारजी देसाई ने इंदिरा गांधी द्वारा किए गए सभी फैसलों को बदल दिया था। विधानसभा के कार्यकाल को फिर से 5 वर्ष का कर दिया गया लेकिन जम्मू-कश्मीर में कोई भी बदलाव नहीं किया गया।

सत्ता खोने के डर से लगाया था आपातकाल, आज मनाया जा रहा है काले दिवस के रूप में

पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह ने सन् 1996 में जम्मू कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल पांच वर्ष करने का काफी प्रयत्न किया परंतु उनको सफलता हासिल नहीं हुई। 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से जब धारा 370 हटाई गई तब विधानसभा का छः वर्ष का कार्यकाल भी समाप्त हो गया।

माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि “#DarkDays0fEmergency को कभी भुलाया नहीं जा सकता। 1975 से 1977 की अवधि में संस्थानों का व्यवस्थित विनाश देखा गया। आइए हम भारत की लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करने का संकल्प लें, और हमारे संविधान में निहित मूल्यों पर खरा उतरें।”

प्रधानमंत्री ने एक और ट्वीट कर कहा कि “इस तरह कांग्रेस ने हमारे लोकतांत्रिक लोकाचार को रौंदा। हम उन सभी महानुभावों को याद करते हैं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की।”

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