खोरी गांव में रहने वाले लोगों के लिए अपना जीवन यापन करना दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है। खोरी निवासियों को ना दिन को चैन पड़ता है और ना ही रातों को सुकून मिलता है वही मूलभूत सुविधाओं के लिए भी इन दिनों खोरी निवासियों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। गांव के छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई छोड़ पास ही बसे लाल कुआं क्षेत्र से पानी लेकर आ रहे हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरावली में बसे खोरी गांव को हटाने के आदेश दिए हैं। इस गांव में करीब 10 हजार मकान है। आदेशों के बाद गांव में मूलभूत सुविधा भी नहीं पहुंच पा रही है।
आदेशों से पहले लोग पानी के टैंकरों से अपना जीवन यापन कर रहे थे वहीं अब टैंकर चालकों ने भी वहां आना बंद कर दिया है जिसकी वजह से महिलाओं सहित छोटे-छोटे बच्चे पास ही बसे लाल कुआं क्षेत्र से पानी लेकर आ रहे हैं वहीं अन्य सुविधाओं के लिए भी इन दिनों दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि गांव में ज्यादातर आर्थिक तौर से कमजोर है वही अब मकान टूटने के आदेशों के बाद उनके लिए छत का भी संकट उत्पन्न हो गया है। खोरी वासियों की जिंदगी इन दिनों काफी दयनीय है।
बिजली कनेक्शन भी है कट
खोरी निवासियों को आदेशों के बाद बिजली भी नहीं मिल पा रही है जिसकी वजह से बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई भी बाधित हो रही है वही बिजली ना होने की वजह से लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिन भर लोग घरों के बाहर बैठकर पंखा झलते रहते हैं वही रातों को भी इसी तरीके की स्थिति देखने को मिलती है।
पुलिस प्रशासन का है कड़ा पहरा
प्रशासन की कार्यवाही से पूर्व पुलिस प्रशासन की ओर से खोरी गांव में मुस्तैदी बढ़ा दी गई है। जहां पहले पुलिस बल तितर-बितर होकर लोगों पर नजर रख रहा था वही पिछले दिनों पुलिस ने वहां पर फ्लैग मार्च कर संदेश दिया कि पुलिस प्रशासन तोड़फोड़ के लिए एकदम तैयार है।