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चपरासी की बेटी ने किया कमाल : अफसर बन परिवार का किया नाम रोशन, गरीबी हो गयी दूर

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संघर्ष में तपकर ही बड़े नाम निकलते हैं। जिसने संघर्ष किया है उसे सफलता ज़रूर मिलती है बस हिम्मत नहीं खोनी चाहिए। बिहार लोक सेवा आयोग यानी बीपीएससी की परीक्षा में इस बार पुरुष के साथ-साथ महिला अभ्यर्थियों ने भी सफलता के झंडे गाड़े हैं। सफल होने वाली लड़कियों में साधारण परिवार से आने वाली अभ्यर्थी भी हैं। ऐसी ही एक महिला अभ्यर्थी हैं पैथोलॉजी स्टाफ सुभाष चंद्र बोस की बेटी श्रुति चंद्र।

बेटी ने गर्व से पिता का सिर ऊँचा कर दिया है। परिवार में ख़ुशी का माहौल है। पटना के एक पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट में लैब इन्स्ट्रक्टर के पद पर तैनात सुभाष की बेटी श्रुति का चयन बीपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में हुआ है। श्रुति को इस परीक्षा में 201वां रैंक मिला है। उनका चयन असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर हुआ है।

चपरासी की बेटी ने किया कमाल : अफसर बन परिवार का किया नाम रोशन, गरीबी हो गयी दूर

बेटी की सफलता को देख पिता की आँखों में ख़ुशी के आँसु आ गए। बेटी ने अब सारी गरीबी भुलवा देगी ऐसा कहना है पिता का। इस सफलता के बाद घर में काफी खुशी है। श्रुति अपने परिवार की पहली सदस्य हैं, जिनका चयन किसी अधिकारी पद के लिए हुआ है। श्रुति की मां रीता कुमारी झारखंड के मधुपुर में प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका हैं। अपनी सफलता पर श्रुति कहती हैं कि सफलता मिलने के बाद काफी अच्छा लग रहा है। घर में सभी लोग खुश हैं।

चपरासी की बेटी ने किया कमाल : अफसर बन परिवार का किया नाम रोशन, गरीबी हो गयी दूर

इन्होंने अपने रास्ते में आने वाली सभी कठिनाइओं से मुकाबला किया और तीसरी बार के प्रयास में बीपीएससी में सफलता मिली। वैसे वह यूपीएससी सिविल सर्विस की ही मुख्य रूप से तैयारी कर रही हैं। बीपीएससी के लिए अलग से तैयारी नहीं की थी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में यूपीएससी मुख्य परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद साक्षात्कार तक पहुंचीं, लेकिन अंतिम सेलेक्शन नहीं हुआ। इसके बावजूद प्रयास जारी हैं।

चपरासी की बेटी ने किया कमाल : अफसर बन परिवार का किया नाम रोशन, गरीबी हो गयी दूर

श्रुति की सफलता से उनके गांव वाले काफी प्रेरणा ले रहे हैं। किसी के लिए यह लम्हे बहुत यादगार होते हैं कि कोई आपसे प्रेरणा लेकर खुद में सुधार करे। श्रुति कहती हैं कि वह अपना रैंक बेहतर करने के लिए यूपीएससी की परीक्षा भी देती रहेंगी।

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