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घर से शुरू किया था ऑर्गेनिक सैनिटरी पैड्स का स्टार्टअप, आज इस तरीके से महिलाओं को दे रही हैं रोजगार

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जब कोई स्टार्टअप शुरू होता है तो उसके पीछे सपनों की बौछार होती है। यह बौछार कभी आराम से जीने नहीं देती है। पीरियड जिसे मासिक धर्म के नाम से भी जाना जाता है महिलाओं के लिए हर महीने की बात है। कई लोग कहेंगे कि ये तो आम बात है, हर महिला के साथ होता है। जी हाँ, यह हर महिला के साथ होता जरूर है पर महिलाओं को इस मासिक धर्म के साथ-साथ बहुत सी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

आज भी कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसमें पैड से होने वाली समस्या भी शामिल है। आप कहेंगे कि पैड से क्या दिक्कत हो सकती है, अगर आप पुरुष हैं तो यह आपके लिए समझना आसान नहीं होगा पर पैड से होने वाली दिक्कत से लग भग हर महिला जूझती है।

घर से शुरू किया था ऑर्गेनिक सैनिटरी पैड्स का स्टार्टअप, आज इस तरीके से महिलाओं को दे रही हैं रोजगार

बाजार में सैनिटरी पैड्स के कई प्रोडक्ट बिकते हैं पर उनके लिए कौन से प्रोडक्ट सही है, यह जानना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। पैड बनाने में उसे होने वाले केमिकल्स स्किन को नुकसान पहुँचाते हैं साथ ही उसे किये जाने वाले पैड्स प्राकृतिक तरीके जैसे पानी, हवा और सूर्य के प्रभाव से नष्ट नहीं होते हैं। बीते कुछ समय से आर्गेनिक पैड्स का चलन बढ़ गया है।

घर से शुरू किया था ऑर्गेनिक सैनिटरी पैड्स का स्टार्टअप, आज इस तरीके से महिलाओं को दे रही हैं रोजगार

एक महिला ही दूसरी महिला को अच्छे से समझ सकती है। कोई पुरुष महावारी को लेकर महिला को नहीं समझ सकता है। इस महिला ने बाकी महिलाओं को होने वाली पैड्स की समस्या से निजात दिलवाने के लिए एक स्टार्टअप शुरू किया है। ठाणे में रहने वाली सुजाता पवार ने पिछले साल अगस्त में रियूजेबल और ऑर्गेनिक सैनिटरी पैड्स का स्टार्टअप शुरू किया। आज भारत के साथ ही नेपाल, सिंगापुर, न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी वे अपने प्रोडक्ट की सप्लाई कर रही हैं।

घर से शुरू किया था ऑर्गेनिक सैनिटरी पैड्स का स्टार्टअप, आज इस तरीके से महिलाओं को दे रही हैं रोजगार

उनका यह आईडिया कई महिलाओं को समस्या से निजात दिला रहा है। कुछ ही दिनों में सुजाता ने करीब 22 लाख रुपए का बिजनेस किया है। साथ ही 30 लोगों को उन्होंने रोजगार भी दिया है। वे ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर रही हैं। सुजाता कहती हैं कि एक कॉमन लड़की की तरह उन्हें भी पीरियड्स के दौरान पैड्स को लेकर कुछ दिक्कतें होती थीं। मार्केट में उपलब्ध पैड्स के इस्तेमाल से हेल्थ इश्यूज होते थे। अब इनसे निजात पाया जा सकता है।

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