रातों रातों गायब हो रहें है शहर से सीवर के ढक्कन, जाने कौन है इनके पीछे और कहां है ये ढक्कन ?

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नगर निगम की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि अब उनके पास सीवर के ढक्कन लगवाने के पैसे नहीं हैं ।कई जगहों पर तो सड़क के किनारे सीवर के ढक्कन गायब हैं जो दिन के समय तो दिख जाते हैं, लेकिन रात के समय ये दिखाई ही नहीं देते, ऐसे में पैदल और दो पहिया वाहन चालक सबसे ज्यादा हादसे का शिकार होते हैं। कई जगहों पर लोगों ने सीवर के ढक्कन की जगह पर पत्थर रख दिए जाते हैं जिससे हादसे की संभावना भी बढ़ जाता है ।

डीएवी कॉलेज एनआईटी के पीछे बनी सड़क पर भी सीवरेज के पानी की वजह से वाहन लेकर निकलना तो छोड़िए पैदल निकलना लोगों के लिए बेहद मुश्किल है साल के 365 दिन इस सड़क पर गटर का गंदा पानी बहता रहता है और आसपास के घरों में भी धीरे धीरे नजर आने लगा है।

रातों रातों गायब हो रहें है शहर से सीवर के ढक्कन, जाने कौन है इनके पीछे और कहां है ये ढक्कन ?

ओल्ड फरीदाबाद रेलवे स्टेशन के बाहर मुख्य सड़क पर ही सीवरेज के कई ढक्कन खुले हुए हैं जिन से निकलता गंदा पानी लोगों की जिंदगी को नर्ख बना रहा है। आसपास के रहने वाले लोगों को दिन रात गंदगी से निकलते बीमारियों का खतरा सता रहा है ।

सेक्टर 21c की सड़क पर पिछले कई दिनों से सीवर का ढक्कन गायब है और इसी के साथ-साथ नगर निगम के अधिकारी ईद का चांद हो चुके हैं । रोजाना इस सड़क से बड़े बड़े अधिकारी निकलते हैं लेकिन किसी का भी ध्यान भी इस समस्या की ओर नहीं जाता ।

रातों रातों गायब हो रहें है शहर से सीवर के ढक्कन, जाने कौन है इनके पीछे और कहां है ये ढक्कन ?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस संबंध में कंफेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए के वाइस चेयरमैन गजराज सिंह ने अधिकारियों से बात की तो इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों का कहना था की स्टोर रूम में ढक्कन नहीं है।

इसी कड़ी में उन्होंने मॉनसून की तैयारियों पर भी पर भी सवाल उठाए, तो पता चला की निगम ने अभी तक ड्रेनेज और सीवरेज की सफाई का कार्य शुरू भी नहीं किया है ।यदि ऐसा ही है तो बरसात में जलभराव होने निश्चित है ।

मॉनसून आने वाला है और ऐसे में प्री प्रिपरेशन जैसे की ड्रेनेज और सीवरेज की सफाई को लेकर निगम के कोई इंतजाम नहीं है । इंतजाम तो छोड़िए सीवर के ढक्कन ही गायब है तो बाकी शहर की कल्पना बरसात के मौसम में कैसी होगी इसका अंदाजा लगा सकते हैं और देखना यह है कि इस बार मॉनसून में कितनी घटनाएं नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सामने आ सकती हैं ।