हरियाणा के यमुनानगर के एक आश्रम में एक व्यक्ति तीस साल बाद अपने परिवार से मिला। जानकारी के अनुसार यह व्यक्ति यूपी के मिर्जापुर जिले के बिजरकला गांव का निवासी है। पुत्र अपने पिता से मिलने यमुनानगर पहुंचा तो एक–दूसरे को देख दोनों की आंखो से आंसू छलक उठे और दोनों गले लगकर खूब रोए।
आपको बता दें कि व्यक्ति का नाम रोहित है और यह जिगना थाना क्षेत्र के बिजरकला गांव का निवासी है। रोहित तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर हैं। वह रेलवे में गैंगमैन के पद पर कार्यरत थे परंतु मानसिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनको ये नौकरी छोड़नी पड़ी।
जानकारी के अनुसार रोहित और उसका परिवार दशहरा के बाद दुगारहा गांव में कुश्ती दंगल मेला देखने गए थे लेकिन इसके बाद वे घर नहीं लौटे। परिजनों ने रोहित को हर जगह ढूंढा परंतु उसका कहीं पता नहीं चला। बहुत खोजने के बाद भी रोहित नहीं मिला इसलिए उनके बेटे ने मृत समझकर उनका पिंडदान कर दिया।
अप्रैल 2021 में रोहित कुरुक्षेत्र के शाहबाद में “नी आसरे दा आसरा आश्रम” के संचालक जसकीरत को मिले। उनको मानसिक रुप से बीमार देख आश्रम संचालक ने उनका उपचार करवाया। अब उनकी मानसिक स्थिति ठीक हो गई। उसके बाद आश्रम की ओर से स्टेट क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल को इसकी जानकारी दी गई। तब एएसआई राजेश कुमार ने रोहित से मुलाकात की। राजेश ने रोहित से कई घंटे बातचीत की इस दौरान रोहित ने घंटे भर में ही उन्हें अपने गांव का नाम बिजरकला बताया।
इसके बाद राजेश ने इंटरनेट की सहायता से बिजरकला नामक गांव की खोजना शुरू कर दिया। उन्हें इस नाम के कई गांव मिले। तब उन्होंने गांव के प्रधान से बातचीत की। उसके बाद बिजरकला गांव के प्रधान रवि यादव से बात हुई तो उन्होंने बताया कि उनके गांव का निवासी रोहित कई वर्षों से लापता है। इसके बाद एएसआई ने प्रधान के जरिए रोहित के परिवार से संपर्क किया।
बिजरकला गांव के प्रधान रवि यादव ने रोहित के पुत्र अमरनाथ को बताया कि 15 दिन पहले उनके पास फोन आया था। इसके बाद बेटे अमरनाथ से पुलिस ने वीडियो कॉल के जरिए बात कर पिता की पहचान कराई। उनका ससुराल प्रयागराज जिले के मांडा खास में रहता हैं। पिता के जीवित होने की सूचना मिलते ही बेटा पिता को लेने यमुनानगर रवाना हो गया। पिता पुत्र ने जब एक–दूसरे को देखा तो दोनों की आंखों से आंसू छलक रहे थे। दोनों एक–दूसरे को गले लगाकर खूब रोए।