सरकार के द्वारा जब भी पल्स पोलियो अभियान चलाया जाता है, तो वह पूरे शहर में चला जाता है। लेकिन इस बार जो पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है। वह हाई रिस्क एरिया में चलाया जाएगा यानी महामारी की दूसरी लहर में जो सबसे ज्यादा प्रभावित एरिया रहा है उसमें पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है।
इसका मुख्य कारण यह है कि अगर कोई महामारी के दौरान बच्चा दो बूंद जिंदगी से छूट गया है। तो वह इस अभियान में कवर हो सके। डिप्टी सीएमओ डॉ रमेश से मिली जानकारी के अनुसार 27 जून से लेकर 29 जून जून तक जिले में पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा।
जिसमें 27 जून को 571 एरिया है। जहां पर माहमारी की दूसरी लहर का सबसे ज्यादा कहर बरपा है। जिसमें मेवला महाराजपुर, पल्ला, पाली, खेड़ी कला , सूरजकुंड और शिव दुर्गा विहार मुख्य रूप से बताए जा रहे हैं।
इस बार का जो पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है उसमें स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 320000 का टारगेट रखा गया है। इस जिले में 320000 बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
डीसी यशपाल यादव ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान के लिए जिले में 1132 टीमों का गठन किया गया है। जो हाई रिस्क जोन एरिया में जाकर पल्स पोलियो अभियान चलाएगी। 27 जून को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा।
वही 28 और 29 जून को फील्ड में यानी डोर टू डोर जाकर पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा। अगर कोई 5 साल से कम उम्र वाला बच्चा 27 जून को पल्स पोलियो अभियान किसी कारणवश छूट जाता है, तो 28 और 29 जून को उस बच्चे के घर पर आकर स्वास्थ्य विभाग की टीम उसको पोलियो ड्रॉप्स पिलाई गई।
डॉ रमेश ने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अभी भी पोलियो के मरीज पाए जा रहे हैं। इसीलिए भारत में भी अभी पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है। जब तक पूरे विश्व में पोलियो के मरीजों की संख्या 0 नहीं हो जाती है। तब तक यह अभियान भारत देश में चलाया जाएगा। क्योंकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान भारत के पड़ोसी देश है।