कुछ दिनों में मानसून आने वाला है और शहर में मानसून को लेकर प्रशासन के द्वारा तैयारी की जा रही है। जिसमें अगर हम बात करें तो नगर निगम के द्वारा नालों की सफाई की जा रही है। तो वही NHI के द्वारा भी मेट्रो रेल लाइन पर किसी प्रकार का कोई पानी ना भरे इसको लेकर उनके द्वारा भी तैयारी की जा रही है।
बल्लभगढ़ से लेकर बदरपुर बॉर्डर तक जितने भी नेशनल हाईवे पर फ्लाईओवर बने हुए हैं। उस पर बरसात के दिनों में पानी भर जाता है। जिसकी वजह से नेशनल हाईवे के फ्लाईओवर के ऊपर से वाहनों को गुजरने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
कई बार जाम की स्थिति भी बन जाती है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए नेशनल हाईवे के द्वारा सभी फ्लाईओवर के बरसाती पानी निकलकर सीधा पुल के नीचे सड़कों पर बहता था। लेकिन अब वह पानी सड़कों पर बहने की बजाए फ्लाईओवर के नीचे बने बगीचे को हरा-भरा करेगी।
जी हां नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के के द्वारा नेशनल हाईवे पर जितने भी फ्लाईओवर बने हुए हैं। उसका जो बरसात का पानी था। वह सीधा पहले सड़कों पर बाहर करता था। लेकिन अब उस बरसात के पानी को सड़कों पर बहने की बजाय पाइप लाइन के जरिए फ्लाईओवर के नीचे बने बगीचे में छोड़ा जाएगा।
ताकि फ्लाईओवर के नीचे से गुजरने वाले वाहनों व फ्लाईओवर के ऊपर से गुजरने वाले वाहनों को किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े। इससे एक और तो बगीचे में लगे हुए पेड़ पौधों को समय-समय पर पानी मिलता रहेगा।
वहीं दूसरी ओर नेशनल हाईवे फ्लाईओवर पर किसी प्रकार का बरसात का पानी जमा नहीं होगा और लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी। बरसात के दिनों में लाखों टन पानी बर्बाद होता है। लेकिन अगर सभी लोग एनएचएआई के तहत कोई ना कोई तरीका निकाल ले और बरसात के पानी को किसी ना किसी रूप में इस्तेमाल कर ले।
तो आने वाले समय में हमारे जो ग्राउंड वाटर लेवल है वह तो बढ़ेगा ही साथ ही शहर में रहने वाले लोगों को भी पानी की किल्लत से जूझना नहीं पड़ेगा। इसीलिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा यह कार्य शुरू कर दिया गया है और नेशनल हाईवे पर बने सभी फ्लाईओवर के बरसात के पानी को पाइपलाइन के जरिए बगीचे में छोड़ा जाएगा। ताकि बगीचे में लगे पेड़ पौधों को तो पानी मिल सके और साथ ही बरसात का पानी का इस्तेमाल सही रूप में हो सके।