शहर के ट्यूबवेल ठेकेदारों को नगर निगम ने पिछले काफी समय से भुगतान नही किया गया है जिसको लेकर आज ठेकेदारों ने नगर निगम ऑडिटोरियम में हड़ताल की घोषणा कर दी। ठेकेदारों की हड़ताल का असर शहर पर देखने को मिल सकता है तथा शहर में पेयजल संकट गहरा सकता है।
दरअसल, आमदनी अट्ठनी खर्चा रुपया यह वाक्य इन दिनों नगर निगम के आर्थिक हालातों पर सटीक बैठ रहा है। सटीक इसलिए क्योंकि नगर निगम के पास आय के स्रोत कम होते जा रहे और नगर निगम पर कर्जा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। निगम पर कर्जा बढ़ने का खामियाजा नगर निगम से जुड़े कर्मचारियों तथा ठेकेदारों को भुगतना पड़ रहा है।
नगर निगम न तो अपने ठेकेदारों का समय पर भुगतान कर पा रहा हैऔर ना ही अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन दे पा रहा है। इसी के चलते आज नगर निगम ट्यूबवेल ठेकेदारों ने हड़ताल कर दी। नगर निगम ने ट्यूबवेल ठेकेदारों को पिछले 12- 18 महीनों से भुगतान नही किया गया जिससे आर्थिक तौर पर ठेकेदारों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
ठेकेदार ट्यूबवेल की मेंटेनेंस के खर्चे अपने दम पर उठा रहे हैं ऐसे में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ठेकेदार यूनियन के प्रधान महेश नलवा ने बताया कि ठेकेदारों को पिछले काफी समय से भुगतान नहीं किया गया है जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं इस मामले में अभी तक किसी अधिकारी ने सुध भी नहीं ली है।
गौरतलब है कि नगर निगम के आर्थिक हालात इन दिनों काफी बदहाल है। नगर निगम के पास दिन प्रतिदिन खर्चे बढ़ते जा रहे हैं परंतु आय के स्रोत कम होते जा रहे हैं। निगम अपने कर्मचारियों को भी समय पर वेतन नहीं दे पा रहा है जिसकी वजह से कर्मचारी प्रदर्शन तथा हड़ताल करने को मजबूर है।