नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच लगातार जंग छिड़ी हुई है। किसानों को आंदोलन करते हुए सात महीने बीत चुके हैं। आज हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर किसान इकट्ठा होकर विरोध–प्रदर्शन कर रहे हैं। इसको देखते हुए राज्य सरकारों ने पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की तैनाती की है।
देश की राजधानी दिल्ली में आईटीओ वाले इलाके में खासा बंदोबस्त किया गया है। यहां किसानों की ट्रैक्टर रैली होनी है और इसी के मद्देनजर सुरक्षा–व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया है।
हरियाणा के कई जिलों एवं शहरों में जैसे सोनीपत, पंचकूला और बहादुरगढ़ में प्रदर्शन की रफ्तार तेज हो गई है। प्रदर्शनकारी पंचकूला में नाडा साहिब गुरुद्वारा के पास इकट्ठा होकर कृषि कानूनों को वापिस लेने की मांग को लेकर राज्यपाल के आवास की ओर मोर्चा निकालेंगे। इसको देखते हुए पुलिस–प्रशासन मुस्तैद हो गई है।
पंचकूला के डीसीपी मोहित हांडा ने कहा कि हमारे पास किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त बल मौजूद है। हम शांतिपूर्वक इस स्थिति से निपटने की कोशिश करेंगे। साथ ही हांडा ने यह भी कहा कि हमें उम्मीद है कि आज के सभी कार्यक्रम बिना किसी कानून-व्यवस्था के उल्लंघन के आयोजित किए जाएंगे।
वहीं दूसरी ओर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने किसान संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन को देखकर कहा कि उत्पात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।पुलिस–चौकसी भी बढ़ा दी गई है।
उन्होंने आगे कहा कि किसान लगभग आठ महीने से सरहदों पर बैठे हैं। लेकिन अब निराश हो गए हैं। आंदोलन को जिंदा रखने के लिए उनके नेता प्रतिदिन कोई नया कार्यक्रम करते हैं। आज उन्होंने दोबारा राजभवन में ज्ञापन देने की बात कही है, ऐसा होता रहता है। हमें शांतिपूर्वक प्रदर्शन से किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं है।