यूपीएससी की परीक्षा में हर कोई पास होना चाहता है। यूपीएससी की परीक्षा पास करना हर किसी का सपना होता है। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खुद पर भरोसा और जज्बा होना काफी जरूरी होता है। इसकी बदौलत आप अपना सपना पूरा कर सकते हैं। आज आपको एक ऐसे शख्स की कहानी बताएंगे, जिसने क्रिकेट के ग्राउंड से लेकर यूपीएससी तक का सफर कड़ी मेहनत की बदौलत तय किया। बात कर रहे हैं सत्य साईं कार्तिक की।
एक बार जब उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने की ठानी, तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। यूपीएससी की तैयारी करने वाले हर कैंडिडेट का अलग नजरिया होता है।
यूपीएससी में सफल कैंडिडेट्स की कहानियां अक्सर आपने सुनी होंगी। सफलता की कहानियां लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। कार्तिक पढ़ाई में हमेशा से होशियार थे, लेकिन उन्हें क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में दाखिला ले लिया। यहां भी उन्होंने यूनिवर्सिटी लेवल की क्रिकेट प्रतियोगिताओं में अपने कॉलेज को रिप्रेजेंट किया। वह अपने राज्य की अंडर-19 की टीम में भी खेले।
इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बनने की ठान ली। इस फैसले ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिये सभी दम लगाकर मेहनत करते हैं।बिना मेहनत के इसमें कुछ हासिल नहीं होता है। किस्मत ने उनका साथ दिया और उन्होंने यूपीएससी में सफलता हासिल की।
यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिये सभी दम लगाकर मेहनत करते हैं। उनके लिए यूपीएससी का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा। उन्हें तीन बार प्री परीक्षा में असफलता मिली। उन्होंने खुद को मेंटली मजबूत किया और खुद को इस निराशा से उबारा। उन्होंने एक बार फिर अपनी कमर कसी और चौथा प्रयास किया। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक 103 प्राप्त की।