अपने ही जूनियर खिलाड़ी पहलवान सागर धनखड़ की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में ओलंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार के साथ पुलिस कर्मियों द्वारा फोटो और सेल्फी खींचने का मामला तेजी से तूल पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
शुक्रवार को जैसे ही सोशल मीडिया पर यह मामला उछाला गया तो वरिष्ठ अधिकारियों के कान खड़े हो गए और उन्होंने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
दरअसल, सुशील के साथ मौजूद पुलिस कर्मियों द्वारा फोटो खींचने के लिए सुशील को सेलिब्रिटी की तरह ट्रीट करना किसी को भी रास नहीं आ रहा हैं। तभी तो इस मामले में अब खुद वरिष्ठ अधिकारी ने संज्ञान लेते हुए जांच कर उसकी रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपनी है।
वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो, उसके बाद ही सुशील के साथ फोटो खिंचवाने वाले पुलिस कर्मियों पर फैसला लिया जाएगा। तीसरी बटालियन के पुलिस उपायुक्त हरीश एचपी ने बताया कि जांच के बाद तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
शुक्रवार को मंडोली जेल में बंद सुशील कुमार को तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया जाना था। सुबह ही तीसरी बटालियन में तैनात पुलिसकर्मी मंडोली जेल पहुंच गए। चूंकि सुशील को लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेढ़ी गैंग से जान का खतरा है इसलिए स्पेशल सेल के जवानों को भी मंडोली जेल बुलाया गया था। कागजी कार्रवाई करने के बाद पुलिसकर्मी जेल वैन में सुशील को लेकर तिहाड़ जेल पहुंचे।
बताया जा रहा है कि जेल परिसर में पुलिसकर्मी सुशील के साथ फोटो खिंचवाने लगे। फोटो खिंचवाने के समय सुशील मुस्कुरा रहा था और ऐसा नहीं लग रहा था कि वह एक हत्या आरोपी है और पुलिस के हिरासत में जेल पहुंचा है।
पुलिसकर्मी उसे सेलेब्रेटी समझकर फोटो खिंचवा रहे थे। फोटो खिंचवाने के बाद पुलिसकर्मियों ने इन फोटो को अपने रिश्तेदारों के व्हाट्सएप पर भेज दिया। जिसके बाद फोटो वायरल हो गया। यह मामला पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में आया।
पुलिसकर्मियों के व्यवहार को उचित नहीं माना गया और जांच के आदेश दे दिए गए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कोई भी अपराधी कानून के नजर में बराबर है। चाहे वह सेलेब्रेटी ही क्यों न हो। जांच के दौरान पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि किसने इस तरह से फोटो खिंचवाने की शुरूआत की। हालांकि पुलिस के इस आचरण के बाद पूरी टीम के खिलाफ कार्रवाई संभव है।