Homeग्रामीण महिलाओं ने मेहनत से हासिल की कामयाबी, बिजनेस शुरू कर के...

ग्रामीण महिलाओं ने मेहनत से हासिल की कामयाबी, बिजनेस शुरू कर के ऐसे हासिल किया नया मुकाम

Published on

महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं। महिलाओं को कभी कम नहीं समझना चाहिए। महिलाएं पुरुषों को अच्छी टक्कर दे रही हैं। मेहनत और लगन के साथ क्या हासिल नहीं किया जा सकता है। इसका एक बेहतरीन उदाहरण हैं झारखंड की ग्रामीण महिलाएं। इन महिलाओं ने स्वरोजगार से कामयाबी की जो सीढ़ी चढ़ी है वह हर किसी के लिए प्रेरणा है।

ग्रामीण महिलाओं के लिए समाज में एक आम धारणा बनी हुई है कि महिलाएं बस घर में कैद होने के लिए बनी हैं लेकिन यहां की महिलाओं ने इसके विपरीत जाकर प्रेरणा देने वाला काम किया है। बहुत से लोग अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, उन सभी लोगों को झारखंड की ग्रामीण महिलाओं की कामयाबी की कहानी से जरूर कुछ सीखना चाहिए।

ग्रामीण महिलाओं ने मेहनत से हासिल की कामयाबी, बिजनेस शुरू कर के ऐसे हासिल किया नया मुकाम

कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने सफलता हासिल की है। उनके घर में रोटी के लाले थे लेकिन अब कुत्ते भी रोटी उनके घर आकर खा रहे हैं। कई लोगों को आज भी भ्रम है कि बिजनेस में बहुत रिस्क होता है और ढेर सारे पैसे की जरूरत होती है। लेकिन ऐसा नहीं नहीं है, कम निवेश में भी बहुत कुछ बड़ा हासिल किया जा सकता है। स्वरोजगार न सिर्फ आपके लिए कमाई का जरिया होता है, बल्कि अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान करता है।

ग्रामीण महिलाओं ने मेहनत से हासिल की कामयाबी, बिजनेस शुरू कर के ऐसे हासिल किया नया मुकाम

अगर आप कुछ शुरू करने जा रहे हैं तो आपको सकारात्मक रहना काफी आवश्यक है। झारखंड की ग्रामीण महिलाएं अब वनोपजों से अपनी आर्थिक स्थिति में निरंतर सुधार कर रही हैं। महिलाएं राज्य के इमली के पेड़ों के जरिए अपने जीवन में मिठास घोल रही हैं। रांची से सटे खूंटी के शिलदा गांव की रहने वाली सुशीला मुंडा रौशनी इमली संग्रहण का कार्य कर खुशहाल है। पिछले वर्ष में एक टन इमली के संग्रहण से सुशीला को 40 हजार रुपये की आमदनी हुई।

ग्रामीण महिलाओं ने मेहनत से हासिल की कामयाबी, बिजनेस शुरू कर के ऐसे हासिल किया नया मुकाम

समय बदलते देर नहीं लगती है। आपको बस कुछ चीज़ों में बदलाव करना होता है और सबकुछ ठीक होने लगता है। सुशीला कहती हैं, मैंने कभी नहीं सोचा था कि जंगलों में मुफ्त में उपलब्ध इमली से इतनी कमाई हो सकती है। सुशीला ही नहीं सिमडेगा के केसरा गांव की लोलेन समद इमली संग्रहण एवं प्रसंस्करण का काम कर रही हैं।

Latest articles

बल्लभगढ़ शहर का सबसे बड़ा पार्क होगा छोटा, कल्पना चावला सिटी पार्क की जमीन पर है विवाद!

हरियाणा पंजाब के हाई कोर्ट ने शहर के सबसे बड़े कल्पना चावला सिटी पार्क...

फरीदाबाद की सोसाइटी में भेजे जा रहे है गलत बिल, आरडब्लूए का कहना है कि सिर्फ कुछ लोगों को है दिक्कत।

प्रिंसेस पार्क सोसाइटी में एक गलत बिलिंग को लेकर रेजिडेंट और आरडब्ल्यूए आमने-सामने हैं।...

फरीदाबाद की यह स्पेशल बसें लेकर जाएंगी हिल्स स्टेशन, जानिए पूरी खबर।

इन दिनों हरियाणा रोडवेज की बसों से संबंधित कई खबरें सामने आ रही है।...

बल्लभगढ़ में 1 सप्ताह पहले बनी हुई सड़क लगी उखड़ने जाने पूरी खबर।

बल्लमगढ़ की आगरा नहर से लेकर तिगांव तक करीब 74 लाख खर्च करके बनाई...

More like this

बल्लभगढ़ शहर का सबसे बड़ा पार्क होगा छोटा, कल्पना चावला सिटी पार्क की जमीन पर है विवाद!

हरियाणा पंजाब के हाई कोर्ट ने शहर के सबसे बड़े कल्पना चावला सिटी पार्क...

फरीदाबाद की सोसाइटी में भेजे जा रहे है गलत बिल, आरडब्लूए का कहना है कि सिर्फ कुछ लोगों को है दिक्कत।

प्रिंसेस पार्क सोसाइटी में एक गलत बिलिंग को लेकर रेजिडेंट और आरडब्ल्यूए आमने-सामने हैं।...

फरीदाबाद की यह स्पेशल बसें लेकर जाएंगी हिल्स स्टेशन, जानिए पूरी खबर।

इन दिनों हरियाणा रोडवेज की बसों से संबंधित कई खबरें सामने आ रही है।...