फरीदाबाद, विकास सिंह: इस समय कोरोनावायरस का कहर पूरी दुनिया में फैल चुका है। देश और दुनिया के अलग-अलग कोनो से रोज कोरोना के रिकॉर्ड ब्रेकिंग केस सामने आ रहे हैं।
ऐसे में माहौल गंभीर व निराशाजनक होता जा रहा है। इसी बीच मीडिया रिपोर्ट्स न्यूजीलैंड से अभी-अभी खबर आई है कि न्यूजीलैंड अब पूरी तरह से कोरोना मुक्त देश बन गया है।
यह खबर आज ही न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री – जेसिंडा आड्रन ने 1 न्यूज़ चैनल पर अनाउंस की। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि वहां कई दिनों से कोरोना के केस नहीं आ रहे हैं। तो यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि अब न्यूजीलैंड कोरोना वार में जीत चुका है।
न्यूजीलैंड में आखिरी कोरोना केस 17 दिन पहले आया था। लेकिन अब वहां एक भी मौजूदा कोरोना केस नहीं है।इस खबर से वहां के लोग बेहद खुश है और इसे एक जीत और एक जश्न की तरह मना रहे हैं।
न्यूजीलैंड कैसे बना रोल मॉडल
आंकड़ों के अनुसार न्यूजीलैंड में 1500 लोग कोरोना ग्रसित हुए। जिनमें से 22 लोगों की मृत्यु हुई और अधिकतर लोगों ने रिकवरी की।
इसके चलते न्यूजीलैंड की सरकार ने वहां जल्द ही कड़े लोग लॉकडाउन के निर्देश दे दिए। 7 हफ्तों के लॉक डाउन के बाद वहां रिकवरी रेट बढ़ने लगा।
इस कड़े लॉक डाउन के चलते न्यूजीलैंड में सभी बिजनेस, व्यवसाय बंद किए गए। केवल जरूरी और आवश्यक सेवाओं के लिए लोगों को बाहर जाने की अनुमति थी।
वहां के लोगों ने इस लॉक डाउन का पालन किया और देखते ही देखते 7 हफ्तों के अंदर न्यूजीलैंड कोरोना मुक्त बन गया।
न्यूजीलैंड के कोरोना मुक्त होने का एक और मुख्य कारण है। मार्च की शुरुआत से ही वहां की सरकार ने अपने अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर को पूरी तरह बंद कर दियाकर दिया। इस प्रकार उन्होंने बाहर से आने वाले सैलानियों को न्यूजीलैंड में जाने से रोका।
उनकी यह स्ट्रेटजी इस महामारी से बचने में बेहद मददगार साबित हुई। इस प्रकार वहां की सरकार और उनके लोगों ने कड़े लॉक डाउन का पालन करके और बाहरी पर्यटक सैलानियों के लिए अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर बंद करके कोरोना के खिलाफ अपना योगदान दिया न्यूजीलैंड एक करो ना मुक्त देश बनकर उभर कर आया।
Written by: Vikas Singh