रेलवे फ्रेट कॉरिडोर मामले में पलवल के डिप्टी कमिश्नर नरेश नरवाल द्वारा की जा रही जांच की आंच फरीदाबाद भी पहुंच गई है। फरीदाबाद में कार्यरत 2 पटवारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
सूत्रों की माने तो फरीदाबाद में हुआ यह जमीन अधिग्रहण स्कैम फाइलों में दबा हुआ है। कैंप थाना इंचार्ज सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार देश वालों का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पता चलेगा कि इस घोटाले में कितने लोग शामिल है।
रेलवे के लिए अधिग्रहित जमीन के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट बनाने है तथा अनियमितताएं बरतने के आरोप में सीएम के आदेश पर डीसी ने 6 पटवारियों सहित आठ कर्मचारियों पर कार्यवाही की थी।
फरीदाबाद डीआरओ लैंड एग्जीबिशन कमेटी के पटवारी बाबूलाल और राजेश पलवल डीआरओ लैंड एग्जिबिशन कमेटी में पटवारी सुरेश कुमार, कुलबीर और बलवीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एसडीएम के रीडर सुनील और डाटा एंट्री ऑपरेटर वरुण को भी नामजद किया गया है।
गौरतलब है कि यूपी के दादरी से लेकर नवी मुंबई तक रेलवे कॉरिडोर का निर्माण होना है जिसके लिए करीब 8 साल पहले नोटिफिकेशन गजट जारी कर दिया गया है।
रेलवे कॉरिडोर के निर्माण के लिए पलवल के कुछ गांव का अधिग्रहण किया गया था जिसमें असावटी, मेधापुर, लाडपुर, जटौला, ततारपुर पृथला गांव के 15 एकड़ जमीन शामिल है। जानकारी मिली है कि यहां 100 मीटर जमीन पर करीब 500 लोगों को मालिक बना दिया गया है।
इस पूरे खेल का खुलासा तब हुआ जब 100 मीटर की जमीन के लिए करीब 22 साढ़े करोड रुपए का मुआवजा देने की बात आई।
रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों को यह बात खटकी और उन्होंने अपने स्तर पर इस मामले की जांच की और जांच के बाद इस मामले को सीएम मनोहर लाल खट्टर के संज्ञान में लाया। इसकी जान जब शुरू हुई तो परत दर परत मामला खुलता चला गया।