भारत में बहुचर्चित निकिता हत्या कांड जब देश की बेटी को सरेआम गोली चला कर निर्मम हत्या कर दी गई थी तो शायद पूरा देश चिंतित था क्योंकि दिनदहाड़े एक लड़की को गोली मार देना कोई आम बात नहीं । हर किसी की नजर है जल्द से जल्द निकिता के हत्यारों को फांसी की सजा हो ।
बता दें कि 26 अक्टूबर 2020 को फरीदाबाद के बल्लभागढ़ में 21 साल की BCom फाइनल ईयर की छात्रा निकिता तोमर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पूरे मामले के अनुसार उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी निकिता तोमर उस दिन अग्रवाल कॉलेज से पेपर देकर सहेली के साथ बाहर निकली थी और लेने आ रहे अपने भाई नवीन का इंतजार कर रही थी। इसी बीच गुरुग्राम जिले के रहने वाले तौसीफ और रेहान नामक युवकों ने कार में निकिता का अपहरण करने की कोशिश की। अपहरण में नाकाम रहने के चलते वो लोग निकिता की हत्याा करके फरार हो गए थे। यह घटना CCTV कैमरे में भी कैद हो गई थी। जिस वजह से हत्यारों की करतूत सामने आई ।
ये उठाया सवाल
आपको बता दें कि इस फैसले पर फरीदाबाद फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 26 मार्च 2021 को फैसला सुनाया की तौसीफ और उसके साथी को उम्रकैद के साथ 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा हो लेकिन तौसीफ ने कोर्ट के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा उसे पुलिस द्वारा गलत तरीके से फंसाया गया है। उसके खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है और न ही कहीं कोई शिकायत दर्ज है। ऐसा कोई कॉल विवरण भी नहीं है, जिससे यह साबित होता हो कि 4 अगस्त 2018 के बाद निकिता को फोन किया गया हो। ट्रॉयल कोर्ट ने जांच पक्ष के सबूतों को विश्वास करके उसे गलत तरीके से दोषी ठहराया है। उसके खिलाफ निकिता के भाई नवीन तोमर की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया, जबकि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था।
अब हत्यारे चाहे कितने ही हथकंडे क्यों ना अपना ले लेकिन अपने जुर्म की सजा तो उन्हें एक दिन अवश्य मिलती है । उम्र कैद की सजा होने के बावजूद भी लोगों की यही मांग है कि निकिता के हत्यारों को फांसी हो ।