वर्तमान डीजीपी को मनोज यादव की वापसी में होगी देरी, नए डीजीपी की खोज जब तक नहीं होती पूरी

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बीते 22 जून को डीजीपी यादव ने एसीएस होम राजीव अरोड़ा को पत्र लिखकर उन्हें रिलीव करने की इच्छा व्यक्त की थी। जिसके बाद शुक्रवार को यह पत्र गृह मंत्री के पास पहुंचा तो इसे स्वीकार करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को फाइल भेजी थी। गृहमंत्री ने लिखा कि उन्हें तभी रिलीव किया जाए, जब नए डीजीपी की व्यवस्था हो जाए।

ऐसे में गृह मंत्री अनिल विज द्वारा नए डीजीपी पर की नियुक्ति की फाइल पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा भी मुहर लगाई जा चुकी है। अब इस मुहर के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि नए डीजीपी मिलने तक वर्तमान डीजीपी मनोज यादव को अपने ड्यूटी निभानी पड़ेगी।

वर्तमान डीजीपी को मनोज यादव की वापसी में होगी देरी, नए डीजीपी की खोज जब तक नहीं होती पूरी

बस अब देरी किस बात की थी। सीएम से मंजूरी मिलने के बाद गृहमंत्री ने एसीएस होम को नया पैनल बनाने को कहा है। एसीएस पैनल बना गृहमंत्री को भेजेंगे। फिर सीएम के पास फाइल जाएगी। सीएमओ से ही यूपीएससी को पैनल भेजेंगे। वहां से 3 नाम सरकार के पास भेजे जाएंगे। इनमें से एक को डीजीपी बनाएंगे।

पैनल में उन्हीं अफसरों का नाम यूपीएससी को भेजा जाएगा, जो डीजी रैंक में हैं। साथ ही जिनका कार्यकाल कम से कम 6 माह का बकाया है। ऐसे में सबसे सीनियर एसएस देसवाल व केके सिंधु दोनों दौड़ से बाहर हो गए हैं, क्योंकि दोनों 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं।

वर्तमान डीजीपी को मनोज यादव की वापसी में होगी देरी, नए डीजीपी की खोज जब तक नहीं होती पूरी

पैनल में 1988 बैच के पीके अग्रवाल, 1989 बैच के मोहम्मद अकील और आरसी मिश्रा, 1990 बैच के शत्रुजीत कपूर और देश राज सिंह शामिल हैं। डीजी रैंक में आने के लिए कम से कम 30 वर्ष की सेवा अनिवार्य है। 1991 बैच के आलोक कुमार रॉय व एसके जैन भी 30 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।

यदि 30 वर्ष की सेवा पूरी करने वालों को भी पैनल में शामिल किया तो सरकार की ओर से यूपीएससी को 7 नाम जाएंगे। ऐसा न हुआ तो डीजी रैंक के 5 सीनियर आईपीएस में मुकाबला होगा। सुप्रीम कोर्ट निर्देशानुसार यूपीएससी द्वारा योग्य आईपीएस अधिकारियों के बनाए पैनल में से सरकार पसंद का अधिकारी तैनात कर सकती है।