वन्य जीवों को बचाने के लिए अर्बन वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाने की योजना, जानवरों को मिलेगी यह विशेष सुविधा

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वन विभाग असोला भट्टी वन्य जीव अभ्यारण के निकट एक व्यस्त सड़क पर अर्बन वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाने की अंतर राज्य योजना पर काम कर रहे हैं। इस कॉरिडोर के जरिए तेंदुआ और अन्य जानवरों को सुरक्षित रास्ता मिल पाएगा।

शहरी परिवेश में वन्य जीव प्रबंधन के लिए यह पहला ऐसा गलियारा होगा। अरावली पर्वत श्रृंखला के दक्षिण दिल्ली पर 32.17 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करने वाला वन्य जीव अभ्यारण दक्षिण दिल्ली, फरीदाबाद और हरियाणा के गुरुग्राम जिलों के उत्तरी भागों में स्थित है।

वन्य जीवों को बचाने के लिए अर्बन वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाने की योजना, जानवरों को मिलेगी यह विशेष सुविधा

यह उत्तरी अरावली तेंदुए वन्यजीव गलियारे का हिस्सा है जो राजस्थान के सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान से दिल्ली रिज तक फैला हुआ है। दिल्ली के वन रक्षक अमित आनंद ने बताया कि वन विभाग असोला भाटी में तेंदुए को एक समृद्ध आवास प्रदान करने की कोशिश कर रहा है दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के विशेषज्ञता का उपयोग वन्य जीव अभ्यारण के आसपास व्यस्त सड़कों पर अंडरपास बनाने को कर रहा है।

गौरतलब है कि बीते दिन फरीदाबाद के पाली रोड पर एक वाहन की चपेट में आने से 2 वर्षीय मादा तेंदुए की मौत हो गई। 1 साल के भीतर इस तरह की यह दूसरी घटना है। पिछले साल अक्टूबर में गुरुग्राम फरीदाबाद मार्ग पर मांगर गांव के पास सड़क दुर्घटना में एक तेंदुए की मौत हो गई थी।

वन्य जीवों को बचाने के लिए अर्बन वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाने की योजना, जानवरों को मिलेगी यह विशेष सुविधा

अधिकारियों के मुताबिक वन्य जीव अभ्यारण के आसपास तीन प्रमुख सड़के हैं जिनमें सूरजकुंड फरीदाबाद रोड, गुड़गांव फरीदाबाद रोड और मेहरौली बदरपुर रोड है। दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर को फरीदाबाद के मांगर गांव से जोड़ने वाली एक अन्य सड़क अभ्यारण से होकर गुजरती है।

बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के दिल्ली प्रमुख सोहेल मदान ने बताया कि हम डीएमआरसी की विशेषज्ञता का उपयोग कर इस कॉरिडोर का निर्माण करेंगे।