यूपीएससी की परीक्षा सभी पास करना चाहते हैं। हर किसी का यह सपना होता है। संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा को पास कर आईएएस-आईपीएस या अफसर बनने का सपना हर कोई देखता है। इस सपने को कुछ लोग सच कर दिखाते हैं तो कुछ असफल हो जाते हैं। अधिकतर लोग मानते हैं कि यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने के लिए कोचिंग काफी जरूरी होती है, लेकिन हर साल तमाम कैंडिडेट्स बिना कोचिंग के सेल्फ स्टडी की बदौलत सफलता प्राप्त करके नए उदाहरण पेश करते हैं।
यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने वाले सभी कैंडिडेट्स की रणनीति अलग होती है। यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास करने वाले ही देश के नौकरशाह बन पाते हैं। आज आपको नागार्जुन गौड़ा की कहानी बताएंगे, जो बेहद संघर्षों के बाद पहले डॉक्टर और फिर यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बन गए। आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने यूपीएससी की तैयारी नौकरी के साथ ही की। इसके बावजूद कड़ी मेहनत की बदौलत वे दूसरे प्रयास में सफल हो गए।
यूपीएससी की कठिन परीक्षा के बारे में कई तरह की अफवाह फैलाई जाती हैं। लोग कहते हैं कि यह परीक्षा बेहद मुश्किल होती है, जिसमें सफलता प्राप्त करना हर किसी के बस की बात नहीं। नागार्जुन गौड़ा का जन्म कर्नाटक के गांव में हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसके बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई की। इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने एमबीबीएस का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर कर लिया। इसके बाद उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर ली।
हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं। एमबीबीएस के बाद उन्होंने एक हॉस्पिटल में नौकरी ज्वाइन कर ली। उसी दौरान उन्होंने यूपीएससी की तैयारी का मन बनाया। लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्होंने नौकरी के साथ तैयारी करने का फैसला किया और सफल हुए।