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गरीबी में बीता बचपन, भूखे पेट सोया करते थे, आज इन भाइयों ने मेहनत कर पा लिया सफलता का मुकाम

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गरीबी से तपकर अक्सर ऐसा सोना निकलता है जहां पर विफलता का नाम कम होता है। मुंबई निवासी नितेश जायसवाल ने अपने माता-पिता को उन्हें और उनके भाई को शिक्षित करने के लिए किए गए संघर्षों को जब याद किया तो उनकी आंखे भर आयी। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने इस बारे में बात की कि कैसे उनके अशिक्षित माता-पिता ने वित्तीय और सामाजिक दबावों का सामना करने के बावजूद दोनों भाइयों को अच्छी शिक्षा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

समय बदलते वक्त नहीं लगता। बस आपको कड़ी मेहनत से लगातार प्रयास करते रहने चाहिए। नितेश जायसवाल ने बताया कि उनके माता-पिता मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हैं और उन्होंने बेहतर जीवन जीने के उद्देश्य से युवावस्था में शादी की और बॉम्बे चले गए। जायसवाल के अनुसार उनके पास अपने नाम के लिए मुश्किल से कोई पैसा था, लेकिन उनके पिता जल्द ही एक बिजली कारखाने में नौकरी खोजने में कामयाब रहे।

गरीबी में बीता बचपन, भूखे पेट सोया करते थे, आज इन भाइयों ने मेहनत कर पा लिया सफलता का मुकाम

कुछ महीनों के भीतर वह एक दुर्घटना में उन्होने अपने एक हाथ की तीन उंगलियां खो दीं और इसके बाद उन्हे बिना किसी मुआवजे के निकाल दिया गया। लेकिन आप कड़ी मेहनत से सबकुछ हासिल कर सकते हैं। अगर हौसला बुलंद हो और समर्पण भाव से मेहनत की जाए, तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है।

गरीबी में बीता बचपन, भूखे पेट सोया करते थे, आज इन भाइयों ने मेहनत कर पा लिया सफलता का मुकाम

ईश्वर की मार उनके परिवार पर पड़ी। वह मार उनके लिए सफलता का दरवाज़ा खोल रही थी। परिवार की देखभाल करने के लिए नितेश की माँ ने विषम नौकरी करना शुरू कर दिया। नितेश कहते हैं, “लेकिन उनके परिवार ने उन्हे पिता जी को छोड़ने के लिए मनाने की बहुत कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘तुम्हारी शादी को सिर्फ दो साल हुए हैं। इस विकलांग आदमी को छोड़ने में बहुत देर नहीं हुई है, लेकिन मम्मी ने मना कर दिया।

गरीबी में बीता बचपन, भूखे पेट सोया करते थे, आज इन भाइयों ने मेहनत कर पा लिया सफलता का मुकाम

संघर्ष के बदल जब आते हैं उसके बाद सफलता की किरणे हमारा इंतज़ार कर रही होती हैं। नितेश बताते हैं कि मेरे भाई के पास डेंटल सर्जरी में स्नातक डिग्री है और मैं अभी महामारी के लिए एक शोध सहयोगी के रूप में काम कर रहा हूं, हमने कड़ी मेहनत से लग्न के साथ पढ़ाई की है और घर की गरीबी को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

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