फरीदाबाद जिले ने कोरोना वायरस के मामले में अन्य जिलों को पछाड़ दिया है। हर दिन एक नया आंकड़ा नई परेशानियों को जन्म दे रहा है। वही फरीदाबाद जिले के सबसे बड़े और एकमात्र सिविल अस्पताल में कोरोला टेस्ट किट का खत्म होना है इस गंभीर विषय पर कितना घातक परिणाम साबित हो सकता है इसका अंदाजा हमारे और आपकी सोच से भी परे होगा।
आज सिविल हस्पताल में कोरोनावायरस किट खत्म हो गई और सुबह से केवल 200 लोगों का चेकअप हो पाया। इसके अलावा सिविल अस्पताल में कोविड-19 का टेस्ट कराने आ रहे मरीजों को किट खत्म हो गई है का जवाब देकर लौटा दिया जा रहा है। यहां स्वास्थ्य विभाग के लिए बहुत बड़ा सवाल उठता है।
हालांकि फरीदाबाद के इतने बड़े और एकलौते कोरोना हॉस्पिटल बोके अस्पताल में कोरोना किट का खत्म होना लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकता हैं लेकिन बीके प्रबंधन की तरफ से यह भी बताया गया की कल तक किट तक आएंगी और फिर से सुचारु रूप से काम कर किया जाएगा
यदि अस्पताल प्रबंधन को इस बात का अनुमान पहले से था कि अस्पताल में कोविड-19 की किट खत्म होने वाली है और अस्पताल प्रबंधक इस बात से भी वाकिफ है
कि फरीदाबाद में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को जरूरत थी कि वह पहले से ही पुख्ता इंतजाम करके चले, पर बड़े दुख की बात है कि इतना बड़ा अस्पताल होने के बाद भी यहां तैयारियों में ढील दी जा रही है।
फरीदाबाद के निवासी महेश जोहवाल ने ट्वीट करके कहा कि हमारे यहाँ कोविड सैम्पल लेने से मना कर दिया हैं महेश ने बताया कि उनका भी पॉज़िटिव है उसके बाद भी उनका सैंपल नही लिया गया हैं सुबह से लाइन में लगे है ,
पर पहले से ही परेशान लोगो को कौन बताए कि सरकार द्वारा की जा रही टेस्टिंग किट ही ख़त्म हो गई हैंअगर आप ही सोचिए कि कोविड-19 का टेस्ट कराने आ रहे किसी भी मरीज को कोरोना हुआ और उसे इस तरह वापस लौटा दिया गया तो यह है
स्वास्थ्य विभाग सहित फरीदाबाद वासियों के लिए एक नई परेशानी के पहाड़ के समान होगा। वैसे तो सरकार द्वारा हर साल सिविल अस्पताल को सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए पानी की तरह पैसा बहाने की बात की जाती है और जब जमीनी स्तर पर हकीकत का पता लगाया जाता है
तो कुछ इस तरह की लापरवाही है जनता के समक्ष आती हैं ।जब सरकार खुद आए दिन आमजन को इस बात के लिए अभिप्रेरित करती है कि अगर आमजन को कोरोना वायरस से संबंधित कोई भी लक्षण या अन्य परेशानी दिखाई देती है तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग में जाकर कोविड-19 का टेस्ट करें, लेकिन
यह अपील अब सरकार के लिए ही परेशानी का सबब बन गया है कि अगर सिविल अस्पताल में भी कोविड-19 का टेस्ट नहीं होगा तो ऐसे में आमजन कहां जाएगी और यदि वापस लौट आए जा रहे किसी भी व्यक्ति में कोई तो उसका अंजाम क्या होगा और इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा।