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प्रशांत भल्ला की बीमा क्लेम को हड़पने का षड्यंत्र रचने वाले मास्टर माइंड साथियो सहित चढ़ा पुलिस के हत्थे

फरीदाबाद : जिले में जाने माने मानव रचना संस्थान के संस्थापक डॉ. प्रशांत भल्ला के फर्जी दस्तावेज बनाकर और बैंक में फर्जी खाता खोलकर धोखाधड़ी से बीमा की राशि हड़पने की वारदात को अंजाम देने वाले 4 आरोपितों को अपराध शाखा पालम विहार गुरुग्राम की टीम ने अरेस्ट किया है यदि पुलिस की बात माने तो घटना को अंजाम देने वाला मास्टर माइंड बीमा कंपनी में ही क्लेम डिपार्टमेंट में नौकरी करता था ।

जिन्होंने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर यह फर्जी तरीके से दस्तावेज़ बना कर वारदात को अंजाम देने की कोशिश करने वाले आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेकर अन्य साथी आरोपों के बारे में पूछताछ करते हुए ग्राम की की जाएगी पुलिस ने बताया कि 21 जून 2021 को थाना डीएलएफ सेक्टर 29 गुरुग्राम में दीपिका भल्ला पत्नी प्रशांत भल्ला ने एक लिखित शिकायत दी थी कि उनके पति प्रशांत भल्ला के मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी दस्तावेज बनाकर बीमा राशि को हड़पने का प्लान बनाया है।

प्रशांत भल्ला की बीमा क्लेम को हड़पने का षड्यंत्र रचने वाले मास्टर माइंड साथियो सहित चढ़ा पुलिस के हत्थे

जब यह बात गुरुग्राम की टीम को पता चले तो उन्होंने तत्परता से कार्यवाही की पुलिस ने तकनीकी और अपने सूत्रों के आधार पर इस केस में शिकायतकर्ता के पति प्रशांत भल्ला की बीमा पॉलिसी का फर्जी तरीके से क्लेम लेने की योजना रचने वाले मुख्य आरोपियों सहित चार आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार किया है

अरेस्ट किए गए आरोपियों के नाम है नीतीश कुमार निवासी मकान नंबर 10 गोपाल जी कॉलोनी गांव समालखा नई दिल्ली, रजनीकांत कुमार निवासी मकान नंबर 45 कालवाड रोड जयपुर , दुर्गेश दुबे निवासी मकान नंबर 42 द्वारका बड़खल रोड बिजवासन नई दिल्ली, नवल किशोर निवासी गांव अहरौली हनुमासी थाना कुशीनगर जिला गोरखपुर उत्तर प्रदेश, पुलिस ने कहा कि आरोपितों से पूछताछ की जा रही है तथा पूछताछ के बाद ही ज्ञात हुआ कि आरोपी तक रजनी और दुर्गेश दुबे पहले बीमा कंपनी के क्लेम डिपार्टमेंट में काम करते थे

उन्हें क्लेम के प्रोसेस में क्या दस्तावेज चाहिए और क्लेम करने की पूरी पहले से जानकारी थी उसके उपरोक्त केस में शिकायतकर्ता के पति प्रशांत भल्ला की बीमा पॉलिसी की डिटेल भी इसी दौरान प्राप्त की थी यह दोनों ने अपने साथियों से मिलकर इस काम को अंजाम देने की फिराक में थे इन चारों में अन्य दो साथियों के साथ मिलकर उपरोक्त केस में शिकायतकर्ता के प्रति प्रशांत भल्ला के पॉलिसी के क्लेम के लिए बीमा कंपनी को आवेदन कर दिया किंतु बीमा कंपनी के सरकार द्वारा जब सर्वे की गई तो पॉलिसी धारक जिंदा पाया गया था इस बात की वहां पर पोल खुल गई और यह अपने कार्य में नाकाम रहे ।और पुलिस के हत्थे चढ़ गए

Avinash Kumar Singh

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