जब आप किसी दृढ़ मानसिकता के साथ कोई काम करते हैं तो उस काम को सफल होने में कोई रोक नहीं सकता। यूपीएससी के सफर में तमाम लोगों को असफलताओं का सामना करना पड़ता है। जो लोग यहां मिलने वाली चुनौतियों का डटकर मुकाबला करते हैं वह सफलता प्राप्त कर लेते हैं। आज आपको वर्णित नेगी की कहानी बताएंगे, जिन्होंने यूपीएससी का सपना पूरा करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी।
यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास करने वाले ही देश के नौकरशाह बन पाते हैं। पहले प्रयास में उन्हें यहां असफलता भी मिली, लेकिन उन्होंने धैर्य और कड़ी मेहनत की बदौलत सफलता प्राप्त कर अपना सपना पूरा कर लिया। उनकी कहानी हम सबके लिए प्रेरणादायक है।
आपको असफलता से कभी दूर नहीं भागना चाहिए। सफलता आपके नज़दीक ही होती है। वर्णित नेगी ने इंटरमीडिएट के बाद एनआईटी से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद उनका पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में प्लेसमेंट हो गया। उन्होंने नौकरी तो ज्वाइन कर ली लेकिन उनका सपना हमेशा यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बनना रहा।
यूपीएससी में सफल कैंडिडेट्स की कहानियां अक्सर आपने सुनी होंगी। सफलता की कहानियां लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। करीब 2 साल तक उन्होंने हर नौकरी की लेकिन फिर अपने सपने को पूरा करने के लिए नौकरी छोड़ दी। इसके बाद वे तैयारी के लिए दिल्ली आ गए। वर्णित नेगी ने दिल्ली रहकर तैयारी की और उसके बाद साल 2016 में पहली बार यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा दी।
जब आप असफल होते हैं तो आपको निराश नहीं होना चाहिए बल्कि अपनी गलतियों से सीख लेनी चाहिए। पहले प्रयास में वे असफल रहे, लेकिन उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा और बेहतर तरीके से दूसरा प्रयास किया। उसका परिणाम रहा कि उन्होंने दूसरी बार में परीक्षा पास कर ली, लेकिन उनकी रैंक 504 आई, जिससे उन्हें आईएएस का पद नहीं मिला। उन्होंने एक और प्रयास किया जिसमें उन्हें सफलता मिल गई। साल 2018 में उन्होंने यूपीएससी में रैंक 13 प्राप्त की। इस तरह आईएएस बनने का सफर पूरा हो गया।