संभावित तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद, की जा रही है तैयारी

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महामारी की संभावित तीसरी लहर को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तैयारियां करनी शुरू कर दी है। जहां एक तरफ बेड़ों की संख्या बढ़ाने के लिए बीके सिविल अस्पताल में 102 बेड़ों का अस्थाई अस्पताल बनाने की योजना बनाई जा रही है वही शहर के अलग- अलग स्वास्थ्य केंद्रों में भी बेड़ों की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।

दरअसल, महामारी की दूसरी लहर में शहर भर में बेड़ों की संख्या में भारी कमी देखने को मिली। हालात यह थे कि अस्पतालों में एक अदद बेड के लिए मरीज अस्पताल में बेसहारा पड़े हुए नजर आते थे वही संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। प्रशासन के द्वारा स्टाफ की ट्रेनिंग, दवाओं, ऑक्सीजन आदि की व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है।

संभावित तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद, की जा रही है तैयारी

102 बेड का बनाया जा रहा है अस्पताल
सिविल सर्जन रणदीप पुनिया ने बताया कि अस्पताल में 102 अस्थाई बेड्स का अस्पताल बनाया जा रहा है। टाटा स्टील कंपनी के सीएसआर एक्टिवटी के तहत इस स्ट्रक्चर को तैयार किया जा रहा है। इसमें सभी बेड्स पर ऑक्सीजन की व्यवस्था होगी।

स्ट्रक्चर के लिए ग्राउंड लेवलिंग का काम पूरा हो चुका है। पिलर बनाए जा रहे है और जल्द ही यहाँ पर पहले से तैयार स्ट्रक्चर की इनस्टॉल करना शुरू कर दिया जायेगा। यह स्ट्रक्चर आने वाले 8 से 10 तक इस्तेमाल किया जा सकेगा।

खेड़ी स्वास्थ्य केंद्र में बढ़ाये जा रहे है
उन्होंने बताया कि खेड़ी गांव में बने सामुदायिक केंद्र में फ़िलहाल 35 बेड्स की सुविधा है। इस केंद्र में काफी जगह है। इसलिए कुछ संस्थाओं के सहयोग से यहाँ बेड्स की संख्या को बढ़ाने की योजना चल रही है।

संभावित तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य विभाग मुस्तैद, की जा रही है तैयारी

इस केंद्र में 100 बेड्स की व्यस्था की जाएगी। इससे ग्रेटर फरीदाबाद के काफी बड़े क्षेत्र को कवर किया जा सकेगा। यहाँ पर नया ऑक्सीजन प्लांट इनस्टॉल किया जायेगा।

केयर सेंटर भी है तैयार
सिविल सर्जन ने बताया कि संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य विभाग न कई जगहों पर केयर सेंटर तैयार किए थे। इस सेंटरों में सभी जरुरी सुविधाएं उपलब्ध करा कर इन्हें और भी बेहतर बनाने की तरफ ध्यान दिया जा रहा है।

इसके साथ ही कुछ सामाजिक संस्थाओं की तरफ से जो कोविड केयर सेंटर बनाए गए थे, उन्हें भी भविष्य के लिए तैयार रहने के लिए कहा जा रहा है।