बंधवाडी लैंडफिल साइट पर 35 लाख टन कूड़ा जमा हो चुका है। कूड़े के पहाड़ को कम करने और इसके निस्तारण व आई समाधान के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से निगम अधिकारियों को कई बार फटकार लगाई जा चुकी है। लेकिन 2017 से गुरुग्राम और फरीदाबाद में कचरा प्रबंधन कर रही इकोग्रीन एनर्जी कंपनी साढे 3 साल बाद भी बंधवाडी में वेस्ट एनर्जी प्लांट नहीं लगा पाई है।
35 लाख टन पुराने कूड़े पर नगर निगम और इको ग्रीन आमने-सामने हो गए हैं। इसको लेकर गत 10 जून को इकोग्रीन के प्रतिनिधियों और निगम अधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है।
बंधवाडी में कूड़े के ढेर को कम करने के मुद्दे पर इकोक्लीन ने हाथ खड़े कर दिए हैं और इसे निगम के पाले में डाल दिया है। और उधर निगम अधिकारियों का कहना है कि पुराने कूड़े का निस्तारण करना भी इकोग्रीन एनर्जी की ही जिम्मेदारी है। गुरुग्राम से रोज 900 टन वे फरीदाबाद का लगभग 600 टन कूड़ा बंधवाडी लैंडफिल साइट पर पहुंच रहा है।
नगर निगम और इकोग्रीन एनर्जी की खींचतान पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में पहुंच चुकी है। इकोग्रीन एनर्जी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय शर्मा का कहना है कि कोर्ट में केस लंबित है और आगामी सुनवाई 5 अगस्त को है।
गौरतलब है कि 2013 में बंधवाडी में कूड़ा निस्तारण प्लांट खराब हो गया था तब से अब तक वहां गुरु ग्राम और फरीदाबाद का कूड़ा तो डाला जा रहा है लेकिन इसका निपटान नहीं हो रहा है।
शहर से कूड़ा उठाने के के नाम पर इकोग्रीन एनर्जी को पिछले साढे 3 साल से डेढ़ सौ करोड रुपए से ज्यादा का भुगतान हो चुका है। हर साल लगभग ढाई करोड रुपए टिपिग शुल्क के नाम पर गुरुग्राम नगर निगम इकोग्रीन को दे रहा है। फरीदाबाद की टिप्पिंग फीस के हर महा दो करोड रुपए गुरुग्राम निगम के खजाने से ही वहन किए जा रहे हैं।
एनर्जी प्लांट लगाने के लिए 10 एकड़ खाली जमीन चाहिए लेकिन जल्द इतनी जमीन खाली होने की उम्मीद नहीं है। जमीन खाली नहीं होने से बेस्ट एनर्जी प्लांट स्थापित करने का काम इस साल भी पूरा नहीं हो पाएगा।