अमरोहा:-मंदिर जाने के विवाद में दलित युवक की गोली मारकर हत्या – जहां एक तरफ कोविड-19 का कहर बरकरार है, वहीं उत्तर प्रदेश से एक ऐसी दुखद खबर आई है जो मानवता को फिर से शर्मसार कर देगी। आखिर क्यों होता है भेदभाव जात-पात का। क्यों अंदाजा लगाया जाता है इंसान की जाती से उसके क़द का।
आखिर इन सब के जवाब हमें कब और किससे मिलेंगे। मत आंको किसी की योग्यता उसकी जाति से। भारत में हमेशा से दलितों, छोटे वर्गों और छोटी जाति के लोगों को उनकी जाति और वर्ग के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
इसी बीच खबर आई है कि इस शनिवार यूपी अमरोहा में एक 17 साल के दलित लड़के के मंदिर जाने पर उसकी गोली मारकर हत्या की गई।
उस लड़के का कसूर सिर्फ इतना सा कि वह दलित था और उसने मंदिर मैं प्रवेश किया। हत्या करने वाले ऊंची जाति के बताए जा रहे हैं।
दलित युवक की गोली मारकर हत्या
पीड़ित का नाम विकास कुमार जाटव बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह शर्मनाक घटना 1 जून की है जब विकास पास के शिव मंदिर में पूजा करने के लिए जा रहा था। इस पर उसी जगह के कुछ उच्च जाति के लड़कों ने विकास के मंदिर जाने पर आपत्ति जताई और उसे मंदिर ना जाने की चेतावनी देने लगे।
इस पर जाटव उन लोगों की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए मंदिर में चला गया। जिस कारण उसकी उन ऊंची जाति के लोगों से हाथापाई शुरू हो गई। देखते ही देखते उन लोगों ने जाटव के साथ मारपीट शुरू कर दी और जातिवादी गालियां देने लगे।
वहां की स्थानीय पुलिस को इस मामले की सूचना दी गई लेकिन उन्होंने भी अपना पल्ला झाड़ लिया।
उसी रात पुलिस के जाने के बाद चार युवक- लाला चौहान, फोरम चौहान, जसवीर और भूषण जाटव के घर गए।उन्होंने सोते हुए उसकी गोली मारकर हत्या कर दी, उसके परिवार को भी धमकाया और वहां से भाग गए। इस तरह उन्होंने घटना को अंजाम दिया।
फिलहाल चारों बदमाश पुलिस की गिरफ्त में लेकिन यह जाति पर भेदभाव कब तक चलेगा।
जहां एक तरफ सोशल मीडिया में केरल के हाथ के लिए इंसाफ मांगा जा रहा है, उसी बीच इस घटना से यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि
‘क्या दलित लोगों की जिंदगी की कोई अहमियत नहीं है’
क्या दलित होने पर मंदिर पर जाने से पाबंदी होनी चाहिए। यह सभी बड़े कष्ट देने वाले सवाल है लेकिन सब के बारे में सोचेगा जरूर और शेयर कीजिएगा इस खबर को।
Written by: Vikas Singh