फरीदाबाद : हरियाणा सरकार ने खोरी गांव निवासियों के लिए जो फ्लैट आरक्षित किए हैं, उनकी स्थिति इस समय बद से बदतर है । इन फ्लैट्स में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है यहां पर सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाएं भी नहीं पहुंच रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अरावली में बसे 10 हजार घरों को हटाने के आदेश दिए हैं। आदेशों के बाद खोरी वासियों के लिए हरियाणा सरकार की तरफ से पुनर्वास की योजना बनाई गई है। पुनर्वास के लिए डबुआ कॉलोनी स्थित जवाहरलाल नेहरू अर्बन रिनुअल मिशन के तहत 1400 परिवारों को flats मुहैया कराए जाएंगे। यह 14 से परिवार हरियाणा के मतदाता है। डबुआ स्थित सरकारी फ्लैट में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यहां पर बिजली, पानी तथा अन्य सुविधाओं की भी आपूर्ति नहीं होती। स्थानीय निवासियों ने बताया कि यहां पर प्रशासन की ओर से कोई भी सुविधा नहीं दी गई है। पानी भी काफी दूर से लाना पड़ता है तथा बिजली के लंबे-लंबे कट लगते हैं।
लगा है कूड़े का अंबार
सरकार द्वारा बनाए गए फ्लैट्स में कूड़े का अंबार लगा हुआ है। जगह जगह पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और उन पर आवारा जानवरों का कब्जा है। इस जगह बने हुए फ्लैट्स के दरवाजे टूट चुके हैं । हरियाणा सरकार ने इन लोगों को यहां भेजने का निश्चय तो कर लिया है लेकिन देखना यह है कि कैसे खुले गांव के लोग यहां पर अपना जीवन व्यतीत करते हैं हरियाणा के 14 सौ परिवार को जो कि सिर्फ हरियाणा के मतदाता है उन्हे इन फ्लैट्स में रहने के लिए अलॉट किए जाएंगे हालांकि साफ सफाई और मरम्मत के बाद यह फ्लाइट खोरी गांव से बेहतर हो सकते हैं।