हरियाणा सरकार में नए डीजीपी की तलाश जोरो शोरो से शुरू हो गई है , इस पद की नयुक्ति के लिए डीजी रैंक के 5 आईपीएस अधिकारियो के नाम का पैनल केंद्र सरकार को भेजा है, वरिष्टता की बात की जाए तो पीके अग्रवाल का नाम सबसे पहले आता है। पीके अग्रवाल 1988 बेच के आईपीएस अधिकारी हैं
होम सेक्रेटरी ने सात आईपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल तैयार कर गृह मंत्री अनिल विज को भेज दिया है। इसके बाद फाइल सीएम के पास से होते हुए यूपीएससी तक जाएगी। पैनल में 1988 बैच के आईपीएस पीके अग्रवाल का नाम फिलहाल सबसे आगे है
1989 बैच के आईपीएस मोहम्मद अकील व आरसी मिश्रा के अलावा 1990 बैच के आईपीएस शत्रुजीत कपूर और देशराज सिंह का नाम भी शामिल है। इनमें से ही प्रदेश के नए डीजीपी की नियुक्ति की जाएगी। हालांकि पैनल में जबकि 1991 बैच के आलोक कुमार रॉय और एसके जैन भी शामिल हैं।
क्योंकि ये दोनों आईपीएस 30 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं, इनके नाम भी पैनल में हैं, लेकिन अभी तक डीजी रैंक में प्रमोट नहीं हो पाए हैं। हरियाणा कॉडर में फिलहाल सबसे वरिष्ठ 1984 बैच के आईपीएस एसएस देसवाल हैं, इनके बाद 1986 बैच के आईपीएस केके सिंधू हैं। ये दोनों वरिष्ठ आईपीएस अगस्त में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। नियमानुसार जिस आईपीएस की कम से कम छह माह की नौकरी बकाया है। वही डीजीपी तैनात हो सकता है।
नए डीजीपी की जरूरत आखिर क्यों
गृह मंत्री अनिल विज के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद और अंबाला रेंज के आइजी वाई पूर्ण कुमार के साथ चल रही तनातनी के बीच पुलिस महानिदेशक मनोज यादव अब वापस केंद्र में लौटना चाहते हैं। डीजीपी ने गृह सचिव राजीव अरोड़ा को पत्र लिखकर उनकी सेवाएं केंद्र में इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) को सौंपने की मांग की है। वर्ष 1988 बैच के आइपीएस मनोज यादव को वर्ष 2003 में इंटेलीजेंस ब्यूरों में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात किया गया था।
हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव अब राज्य में रहना नहीं चाहते। उन्होंने गृह सचिव को पत्र लिखकर वापस इंटेलिजेंस ब्यूरो में जाने की इच्छा जताई है। इस संबंध में डीजीपी मनोज यादव ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
16 वर्षों तक आइबी में विभिन्न पदों पर रहने के बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें 19 फरवरी 2019 को वापस बुला लिया और दो साल के लिए पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात कर दिया। मनोज यादव का कार्यकाल पूरा होने के बाद गृहमंत्री अनिल विज इस पद पर अन्य आइपीएस अधिकारी को चाहते थे, लेकिन सरकार ने विज की सिफारिशों के उलट जाकर मनोज यादव को आगामी आदेशों तक सेवा विस्तार दे दिया।