हरियाणा में अभी नहीं बढ़ाई जा सकेंगी लोकसभा, विधानसभा की सीटें, जाने क्या है नियम

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हरियाणा में एक खबर बहुत तेजी से वायरल हो रही थी कि हरियाणा विधान सभा सदस्य की संख्या बढ़ाकर 90 से 126 कर दी जाएगी। और लोकसभा की सीटें 10 से बढ़ाकर 14 कर दी जाएगी। ऐसा भी रिपोर्ट किया गया कि अगला परिसीमन आयोग (डीलिमिटेशन कमीशन )

का गठन वर्ष 2026 में प्रस्तावित है जिसकी रिपोर्ट के बाद हरियाणा विधानसभा के वर्ष 2029 में संभावित विधानसभा आम चुनाव सदन की बढ़ी सीटों के अनुरूप हो सकते है। इन सब के वजह से प्रदेश के सियासी समीकरणों में बदलाव आना स्वाभाविक है।

हरियाणा में अभी नहीं बढ़ाई जा सकेंगी लोकसभा, विधानसभा की सीटें, जाने क्या है नियम

बहरहाल, इस विषय पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने कानूनी जानकारी देते हुए बताया कि 20 वर्ष पूर्व केंद्र में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा संसद मार्फ़त भारत के संविधान में 84वां संशोधन करवाया गया था जो फरवरी, 2002 से लागू हुआ।

इस संशोधन द्वारा प्रावधान किया गया कि देश की वर्तमान लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं सीटों की कुल संख्या, जिन्हें वर्ष 1971 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर बढ़ाया गया था एवं जिनके अंतर्गत पड़ने वाले क्षेत्रों का वर्ष 2001 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर पुनर्निर्धारण किया गया,

हरियाणा में अभी नहीं बढ़ाई जा सकेंगी लोकसभा, विधानसभा की सीटें, जाने क्या है नियम

उन्हें वर्ष 2026 के बाद होने वाली पहली जनगणना अर्थात वर्ष 2031 सेन्सस के प्रासंगिक आंकड़ों के प्रकाशित होने तक बढ़ाना और उनके मौजूदा क्षेत्रों को पुनर्निर्धारित करना आवश्यक नहीं होगा। नियम के अनुसार अगर हम बात करें तो विधानसभा

और लोकसभा की सीटों को नहीं बढ़ाया जा सकता। इसलिए सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए हरियाणा में विधानसभा की सीटें 90 ही रहेंगे और लोकसभा की सीटें 10 सीधे ही रहेगी। हेमंत ने बताया कि डेढ़ वर्ष पूर्व दिसम्बर, 2019 में संसद द्वारा संविधान ( 126 वां संशोधन) विधेयक, 2019 पारित कर लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओ में एससी/ एसटी के लिए सीटों का आरक्षण,

हरियाणा में अभी नहीं बढ़ाई जा सकेंगी लोकसभा, विधानसभा की सीटें, जाने क्या है नियम

जो 25 जनवरी, 2020 को समाप्त हो रहा था, उसे 10 वर्ष के लिए और अर्थात 25 जनवरी 2030 तक बढ़ा दिया गया। हरियाणा विधानसभा द्वारा भी एक सरकारी संकल्प पारित कर जनवरी, 2020 में उक्त संविधान संशोधन का रेटिफिकेशन (अनुसमर्थन ) किया गया था। हरियाणा प्रदेश में विधानसभा और लोक सभा सीटों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए कोई आरक्षण नहीं है। हेमंत ने बताया कि वर्ष 1977 में हरियाणा विधानसभा आम चुनावों से पूर्व सदन की सीटें को तत्कालीन 81 से बढ़ाकर 90 किया था।

बहरहाल, हरियाणा में लोकसभा की वर्तमान कुल 10 लोकसभा सीटों में से दो- अम्बाला और सिरसा जबकि विधानसभा की कुल 90 सीटों में से 17 अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों लिए आरक्षित हैं। परिसीमन आयोग द्वारा वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर वर्ष 2008 में हरियाणा विधानसभा की कुल सीटें तो 90 ही रखी गईं परन्तु उनके अंतर्गत पड़ने वाले क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण किया गया और इस कवायद में कुछ नई सीटें बनी और कुछ पुरानी सीटें समाप्त हो गयीं थी। इसके अतिरिक्त कुछ तत्कालीन आरक्षित सीटें अनारक्षित हो गईं और कुछ अनारक्षित सीटें आरक्षित बन गईं।