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तीसरी लहर में बच्चों में दिखेंगे महामारी के यह लक्षण, उपचार के भी बताएं है यह उपाय

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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने महामारी की  तीसरी लहर में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए संक्रमण से सुरक्षा की नई रणनीति बनाई है। तीसरी लहर में संक्रमण को चार श्रेणी में बांटा है, इनमें बिना लक्षण, हलके लक्षण, मध्यम लक्षण और गंभीर लक्षण वाला संक्रमण श्रेणी शामिल है।

अगर बच्चें महामारी से संक्रमित होते है तो स्वास्थ्य मंत्रालय ने रेमडेसिविर दवाई से इंकार किया है। संक्रमण के निदान व प्रबंधन में सिटी चेस्ट नहीं करने की सलाह दी गई है। सांस की स्थिति में कोई सुधार नहीं होने पर ही सिटी चेस्ट पर विचार करने की सलाह दी गई है। यहीं नहीं, पांच साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क लगाना अनिवार्य नहीं की बात कही गई है।

तीसरी लहर में बच्चों में दिखेंगे महामारी के यह लक्षण, उपचार के भी बताएं है यह उपाय

बच्चों में कोरोना के लक्षण :
  बुखार, खांसी-जुकाम, नाक से पानी बहना, गले में खरास/गले में जलन, शरीर में दर्द/सिर दर्द, कमजोरी, दस्त, भूख कम हो जाना/जी मचलना/उल्टी, स्वाद और सूंघने की क्षमता का खत्म हो जाना। सांस लेने में कठिनाई के बिना खांसी, आक्सीजन लेवल 94 से कम होना।

उपचार का मुख्य आधार : बुखार के लिए पैरासिटामोल (10-15 एमजी/पर केजी/पर डोज) दिन में तीन-चार बार दे सकते है। बच्चे और युवा दोनों ही गर्म पानी में थोड़ा नमक डालकर गरारे कर सकते है। बच्चों के शरीर में पानी की सही मात्रा बनाए रखने के लिए नारियल पानी, दाल का पानी दें एवं पौष्टिक आहार दें।

तीसरी लहर में बच्चों में दिखेंगे महामारी के यह लक्षण, उपचार के भी बताएं है यह उपाय

किसी भी अन्य कोविड-19 विशिष्ठ दवा की आवश्यकता नहीं है। एंटीबायोटिक का इस्तेमाल ना करें। अभिभावक बच्चे की श्वसन दर दिन में दो-तीन बार जांच करें। हाथ पैरों का ठंडे पड़ना, मूत्र उत्पादन, आक्सीजन लेवल, तरल पदार्थ का सेवन गतिविधि लेवल देखते रहना चाहिए।

मध्यम लक्षण वाले – दो माह के बच्चे की श्वसन दर 60 बार प्रति मिनट प्रति, दो से 12 माह के बच्चे की श्वसन दर 50 बार प्रति मिनट, एक से पांच साल की श्वसन दर 40 बार प्रति मिनट और पांच साल के बच्चे की श्वसन दर 30 बार प्रति मिनट से अधिक लेने का मतलब है कि बच्चे की सांस तेज चलना और/या एसपीओ-टू 90 से 93 प्रतिशत होना कोरोना मध्यम लक्षण वाले श्रेणी है। ऐसी स्थिति में कोविड-19 अस्पताल में भर्ती करवाएं।

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