हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने इन दिनों सूचना का अधिकार नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई हुई है। आरटीआई लगाने वालों को सूचना तो समय पर मिलती नहीं है परेशान अलग होना पड़ता है। एक ऐसा ही मामला और सामने आया है जहां एक व्यक्ति की 11 आरटीआई बगैर जवाब दिया बंद कर दी गई। अब पीड़ित ने राज्य सूचना आयोग के समक्ष गुहार लगाई है। अधिकारियों को अगले महीने आयोग के समक्ष जवाब पेश करना होगा।
सरपंच कॉलोनी अजरौंदा निवासी अजय सैनी ने बताया कि उन्होंने पिछले साल हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में एक के बाद एक अलग अलग तारीखों पर 11 आरटीआई लगाई थी। इनमें उन्होंने सेक्टर 20a और 20b में अवैध निर्माण में अजरौंदा गांव का जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे को लेकर जानकारी मांगी थी।
उन्हें समय पर सूचना नहीं दी गई इसलिए उन्होंने प्रथम अपील प्राधिकरण के प्रशासक के पास की। वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली। सैनी के अनुसार उन्हें आरटीआई का जवाब देने की बजाय उनका मामला ही बंद कर दिया गया। उन्हें वह पत्र लिखकर दे दिया गया कि इसका जवाब दिया जा चुका है।
सैनी के अनुसार उन्हें जवाब मिला ही नहीं है और आरटीआई बंद कर दी गई है। वह अप्रैल 2021 को इस बाबत एक याचिका राज्य सूचना आयोग के समक्ष लगाई गई है। अब उनकी 11 आरटीआई के इस मामले में सुनवाई के लिए 17, 23 और 26 अगस्त तारीख तय की गई है। सैनी ने बताया कि अधिकारी जानबूझकर जानकारी नहीं दे रहे हैं।
सेवा का अधिकार आयोग ने संपदा अधिकारी जितेंद्र कुमार को नोटिस भेजकर सेवाएं समय पर ना देने का जवाब मांगा है। सरकार द्वारा ऑनलाइन की गई सेवाएं देने में प्राधिकरण काफी पीछे हैं। इसलिए पोर्टल पर ऐसे काफी मामले लंबित दिखाई देते रहते हैं इस पर संज्ञान लेते हुए ही नोटिस भेजा गया है।
गौरतलब है कि जिले के प्रशासनिक विभाग आरटीआई का समय पर जवाब नहीं देते। ज्यादातर आरटीआई का जवाब फर्स्ट अपील के बाद ही दिया जाता है ऐसे में आरटीआई के नियमों का प्रशासनिक विभागों ने मजाक बनाया हुआ है।