चीन के 3000 उत्पादों के बहिष्कार की तैयारी, 10 जून से शुरू हो रहा महाअभियान : रविवार को व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि वह 10 जून से पूरे देश में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगा।
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) जो 7 करोड़ व्यापारियों और 40,000 व्यापार संघों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है, उसने कहा है यह फैसला भारत और चीन के बीच सीमा तनाव के मद्देनज़र लिया गया है।
अभियान के तहत, कैट न केवल व्यापारियों को चीनी सामान न बेचने के लिए प्रेरित करेगा बल्कि भारतीय उपभोक्ताओं से चीनी सामानों के स्थान पर स्वदेशी उत्पाद खरीदने का आग्रह करेगा।
इस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान को भी पूरा किया जाएगा। व्यापारियों के संगठन के एक अधिकारी ने बयान में कहा।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के लिए सरकार के मजबूत दबाव के कारण पिछले चार साल से चीनी उत्पादों के बहिष्कार के लिए व्यापारियों का संगठन समय-समय पर लगातार अभियान चला रहा है।
इन पहलों के परिणामस्वरूप, चीन से आयात 2017-18 में $ 76 बिलियन से घटकर वर्तमान में 70 बिलियन अमरीकी डालर हो गया है। यह 6 बिलियन अमरीकी डालर की गिरावट स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग और उपभोक्ता भावनाओं को बदलने की सच्ची कहानी बताती है।
प्रवीण खंडेलवाल
उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों के माध्यम से, कैट दिसंबर 2021 तक लगभग 13 बिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग 1 लाख करोड़ रुपये) के चीनी सामान के भारत के आयात में कमी पर नज़र रख रहा है, और चीन से आयातित लगभग 3,000 उत्पादों की एक व्यापक सूची तैयार की है, जिसके लिए भारतीय विकल्प और विकल्प आसानी से उपलब्ध हैं। चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर 10 जून से राष्ट्रीय अभियान छेड़ने का जो ऐलान किया है, कैट ने इसे ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ नाम दिया है।
महामारी कोरोना के कारण चीन की दुनिया भर में किरकिरी हो रही है । इस संकट के बीच विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए भारत के पास बहुत बड़ा मौका है और भारत उसे भुनाने में जुटा है । बहुत से ऐसे उत्पाद इस महामारी के बीच भारत में बड़े पैमाने पर तैयार किए जा रहे हैं, जिसके लिए चंद महीने पहले तक देश पूरी तरह से चीनी आयात पर निर्भर था।
लेखक : ओम् सेठी