इन दिनों गर्मी अपने चरम पर है लेकिन अब प्रदेशवासियों का इंतजार खत्म होने वाला है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जुलाई के दूसरे सप्ताह से मानसून की सक्रियता बढ़ सकती है। 10 जुलाई के बाद से मानसूनी हवाएं प्रदेश में दस्तक दे सकती है। इससे कई इलाकों में हल्की बारिश भी हो सकती है। इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी।
देश में कई हिस्सों में प्री–मानसून आ चुका है उत्तर भारत में जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून सामान्य रूप से आगे बढ़ेगा। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मानसून के आगमन में हुई देरी के बावजूद प्री–मानसून के दौरान सामान्य वर्षा हुई।
मौसम विभाग का कहना है कि देश के मध्य और पूर्वी भागों में अपेक्षा से ज्यादा बारिश हुई है। बिहार में 111 प्रतिशत, पूर्वी उत्तर प्रदेश में 89 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में पूरे महीने 44 प्रतिशत तक बरसात दर्ज की गई है।
मराठवाड़ा और विदर्भ के सूखाग्रस्त इलाकों की वजह से मध्य भागों पर खतरे के बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग द्वारा एक विश्लेषण किया गया जिसके मुताबिक जून का महीना कभी भी स्थिर प्रदर्शित करने वाला नहीं बल्कि परिवर्तनशीलता वाला रहा है।
मौसम विभाग ने यह भी बताया कि जून के महीने में मानसून आने का सटीक संकेत नहीं रहा है। इसलिए मुख्य मानसून महीनों के लिए जुलाई और अगस्त से पहले भरोसा नहीं किया जा सकता।