चंडीगढ़, 9 जुलाई: भूपेंद्र हुड्डा और भाजपा-गठबंधन दोनों एक दूसरे से मिले हुए हैं इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उडार गगन भूमि घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने के आदेश दे कर मोहर लगा दी है यह बात पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कही। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में शुक्रवार को छपी खबर का हवाला देते हुए कहा कि अखबार ने अपनी हैडलाइन में साफ लिखा है कि ”उडार गगन भूमि रिलीज मामले में भाजपा-जजपा सीबीआई जांच नहीं चाहती थी।
इनेलो नेता ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने पहले शासनकाल में विधानसभा सत्र के दौरान सदन पटल पर यह घोषणा की थी कि उडार गगन भूमि रिलीज की जांच सीबीआई से करवाएंगे।
लेकिन मुख्यमंत्री ने उस समय भुपेंद्र हुड्डा से सांठ-गांठ कर मामले को ठंडे बस्ते में डालते हुए इस की जांच सीनियर आईएएस अधिकारी को सौंप दी।
बाद में मामले को उलझता देख मुख्यमंत्री ने खानापुर्ति के लिए इस की जांच सेवानिवृत जज को सौंप दी। इनेलो नेता ने कहा कि उस समय नेता प्रतिपक्ष होने के नाते विधान सभा में उन्होंने मुख्यमंत्री से सदन पटल पर सवाल पूछा था कि उडार गगन भूमि मामले की जांच सीबीआई से करवाने का फै सला बदल कर प्रदेश की जनता से वादाखिलाफी क्यों की? इसका सीधा मतलब है कि मुख्यमंत्री खट्टर ने भूपेंद्र हुड्डा को बचाने के लिए यह फै सला लिया है।
भूपेंद्र हुड्डा और भाजपा-गठबंधन की मिली-भगत की पोल उस समय पूरी तरह से खुल गई जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी जयदीप गुप्ता ने अपनी दलील में साफ कहा कि उडार गगन भूमि रिलीज मामले की जांच अदालत की विशिष्ट टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए उचित समयबद्ध जांच सीबीआई से करवाना अति आवश्यक है।
हरियाणा सरकार द्वारा रिटायर्ड जज से करवाई गई जांच की गंभीरता पर सवाल करते हुए एमिकस क्यूरी ने कहा कि इसमें न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया गया हेै।
एमिकस क्यूरी ने मानेसर लैंड घोटाले का हवाला देते हुए कहा कि इसमें भी उडार गगन भुमि रिलीज के समान परिस्थितियों के अंतर्गत जांच सीबीआई द्वारा की गई थी।
वहीं भाजपा-गठबंधन सरकार ने भूपेंद्र हुड्डा का बचाव करते हुए न्यायालय में हल्फनामा दिया कि ‘उडार गगन मामले में मानेसर भूमि रिहाई के साथ कोई समानता नहीं बनाई जा सकती।
चुंकि मामला पहले ही विस्तृत तकनीकि और कानूनी जांच से गुजर चुका है इसलिए जांच सीबीआई को सौंपने का कोई औचित्य नहीं है। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा और भाजपा की मिलीभगत प्रदेश की जनता के सामने आ चुकी है।