ओम प्रकाश चौटाला के रिहाई से फिर गए इनेलो के दिन, जनाधार की वापसी की हो रही है उम्मीद

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कहा जाता है कि बिना राजा के प्रजा खुद को असहाय महसूस करती है ऐसी ही स्थिति कुछ वर्षो से इनेलो पार्टी की थी परन्तु अब पार्टी के कर्ताधर्ता के लौटने से दिन फिरते हुए दिख रहे हैं इनोलो सुप्रीमो के जेल से बाहर आने पर कमजोर पड़ी पार्टी में नई ऊर्जा और उत्साह का निर्बाह हुआ है,

जहां राजनीति के गलियारों में हलचल तेज हो गई है इससे फीकी पड़ी इनोलो में जान आती नजर आ रही है जैसे ही इनोलो के सुप्रीमो ने बाहर की दुनिया मे पैर रखा तो पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपना दमखम रखना शुरू कर दिया ।

ओम प्रकाश चौटाला के रिहाई से फिर गए इनेलो के दिन, जनाधार की वापसी की हो रही है उम्मीद

इतने समय से चुप पड़ी इनेलों ने अब सत्ताधारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है बढ़ती महगाई के चलते सरकार को आड़े हाथ लेते हुए पूरे हरियाणा में विरोध प्रदर्शन का डंका बजा दिया । पूरे हरियाणा सहित पंजाब से मिलती सरहदों पर भी इनेलो पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपना जोर दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन को कामयाब करने पर जोर दिया ।

ओम प्रकाश चौटाला के रिहाई से फिर गए इनेलो के दिन, जनाधार की वापसी की हो रही है उम्मीद

चुनाव लड़ने पर नही है पाबंदी

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के वापस लौटने पर कयास लगये जा रहे हैं कि एक बार फिर चौटाला अपनी सियासी पारी खेलने के लिए चुनावी मैदान में उतर सकते हैं चौटाला की रिहाई को लोग इनेलो के अच्छे भविष्य के रूप में देखा जा रहा है हालांकि सजा पूरी होने के बाद करीब 6 साल तक चुनाव नही लड़ सकते लेकिन एक खास नियम के तहत कि चुनाव लड़ा जा सकते हैं

ओम प्रकाश चौटाला के रिहाई से फिर गए इनेलो के दिन, जनाधार की वापसी की हो रही है उम्मीद

दरअसल लोक प्रतिनिधि कानून की धारा 1951 के अनुसार सजा के 6 साल तक कोई आरोपी नही लड़ सकता है लेकिन चौटाला के पास धारा 11 के तहत चुनाव लड़ने व प्रतिबंध को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग के पास अर्जी दायर करने का भी विकल्प है

रिश्तों की बदल गई परिभाषा

राजनीति में कोई किसी का सगा नही होता सब कुर्सी और सत्ता की दौड़ में शामिल है यह आम बात भी है क्योंकि सत्ता का सुख सबसे बड़ा सुख होता हैं आपने वो कहावत तो सुनी होगी कि बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपया लेकिन यहां बात अब कुर्सी पर अटकी है यँहा सबसे बड़ी कुर्सी है इसका जीता जागता उदाहरण है चौटाला परिवार .

ओम प्रकाश चौटाला के रिहाई से फिर गए इनेलो के दिन, जनाधार की वापसी की हो रही है उम्मीद

जिसमे एक पक्ष से तो प्यार है लेकिन एक पक्ष फूटी आंख नही भा रहा है यानी कि अजय और उनके बेटे वो अब उनको विरोधी है वही अभय औए उनके बेटे उनकी आंख के तारे है एक बात यह भी कहि जा सकती हैं कि राजनीति के भीष्मपितामह कहे जाने वाले ओम प्रकाश चौटाला क्या इस समय जजपा के लिए भी परेशानी खड़ी कर सकते हैं

इनेलो की मजबूती देगी भाजपा को ताकत

अपने राजनीति काल मे जमकर राजनीति की लागम को अपने हाथों से कसकर पकड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई इनेलो के लिए अच्छे संकेत है क्योंकि बुजुर्गवार की पॉलिटिकल की पिच पर वापसी खोये हुए जनाधार को लौटाने में सहायक होगी
यह भली भांति विदित है

ओम प्रकाश चौटाला के रिहाई से फिर गए इनेलो के दिन, जनाधार की वापसी की हो रही है उम्मीद

कि भाजपा चार दशक से गैर जाट की राजनीति करती आ रही है जाट राजनीति इस समय तीन चहरो के इर्द गिर्द घूमता नजर आ रहा है यह बात भाजपा को भी बखूबी पता है कि इनेलो के आने से जाट समुदाय के वोट बैंक वापस इनलो में जान डाल देगा