हद से ज्यादा कहते हैं कुछ भी अच्छा नहीं होता चाहे वह शातिर दिमाग हो या फिर चालाक चतुर वाले काम। ज्यादा दिमाग इस्तेमाल करना भी कई बार हानिकारक साबित हो जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ हरियाणा के रेवाड़ी जिले के अंतर्गत आने वाले बावल स्थित ओपन शेल्टर होम के बच्चों के साथ। दोनों ने प्लान तो खूब बेहतर बनाया लेकिन कहते हैं ना कि गलत करने वाला शख्स भी कोई ना कोई गलती कर ही बैठता है।
दरअसल, बावल ओपन शेल्टर होम के परियोजना समन्यवक अशोक कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी सजल (13) 1 जुलाई व पंजाब निवासी साहिल (13) 4 जुलाई को रेवाड़ी में लावारिस हालत में घूमते मिले थे। पुलिस ने उन्हें बरामद करके बावल के ओपन शेल्टर होम में भेजा था। 9 जुलाई को दोनों ने शेल्टर होम की दीवार फांदने का प्लान तैयार करके कुछ ईंटें दीवार के साथ खड़ी कर दीं।
दोनो ने मिलकर दीवार ऊंची होने के कारण पहले दोनों ने ईंटें लगाई और फिर 5 फीट ऊंची दीवार फांदी। बच्चों के गायब होने के बाद ओपन शेल्टर होम में हड़कंप मच गया। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। जानकारी मिलते ही बच्चों को तलाशते हुए बावल पुलिस रेवाड़ी जंक्शन पर पहुंची और यहां से दोनों बच्चे बरामद कर लिए।
दोनों ही बच्चों को यह बात भी पता थी कि दीवार ऊंची होने के कारण वह उसे आसानी से लांग यशपाल नहीं पाएंगे इसलिए उन्होंने ईटों के सहारे दोनों ने प्लान बना कर दीवार को ऊंचा कर, फिर उसके बाद
ईंटों के सहारे दोनों ने दीवार फांदी और फिर किसी वाहन में बैठकर रेवाड़ी पहुंच गए। ओपन शेल्टर होम के कर्मचारियों को जब उनके गायब होने का पता चला तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने शाम के समय दोनों को रेवाड़ी जंक्शन से बरामद कर लिया है और वापस शेल्टर होम में भेज दिया।