सरकार का पटलवार : पानी मुद्दे पर दिल्ली सरकार के आरोप को हरियाणा ने ठहराया निराधर, बदले में दिया जबाब

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फरीदाबाद : राजधानी में पानी की किल्लत को लेकर दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार में आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गए है बतादे की दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा हरियाणा पर आरोप लगाया कि हरियाणा दिल्ली को उतना पानी नही दे पा रहा है जितनी दिल्ली को जरूरत है

इस पर सरकारी प्रवक्ता ने दो टूक जबाब देते हुए कहा कि दिल्ली को पूरा पानी दिया जा रहा है दिल्ली में जल संकट हरियाणा के काऱण नही बल्कि दिल्ली की जलप्रबंधन नीति के कमजोर होने के कारण रही है । दिल्ली को नहर के मनुक नहर के माध्यम से 1049 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है हरियाणा के माथे दोष ना मढ़े सरकार

सरकार का पटलवार : पानी मुद्दे पर दिल्ली सरकार के आरोप को हरियाणा ने ठहराया निराधर, बदले में दिया जबाब

वही आगे बताते हुए कहा कि नई दिल्ली में बवाना कॉन्ट्रैक्ट पॉइंट पर 950 क्यूसेक पानी पहुच रहा है यह पानी हरियाणा से ही जा रहा है सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए अभी मानसून में देरी हो रही है साथ ही दिल्ली की जल प्रबंधन की व्यवस्था सुचारू के चलते दिल्ली के लोग पानी के लिये परेशान हो रहे हैं

सरकारी प्रवक्ता ने अपना दोष हरियाणा के ऊपर डाल रही है अपनी व्यवस्थाओ की तरफ नही जा रही है खुद को।सही साबित करने के लिए झूठे राजनैतिक ब्यान दे रहे है

सरकार का पटलवार : पानी मुद्दे पर दिल्ली सरकार के आरोप को हरियाणा ने ठहराया निराधर, बदले में दिया जबाब

यदि आंतरिक तौर पर बात की जाए तो सच यह है कि यमुना में अभी 40 % पानी की कमी के कारण हरियाणा ने दिल्ली को अपने हिस्से का पानी दे दिया है वही यमुना और राबी व्यास के पानी से मुनक में दिल्ली का हिस्सा 719 क्यूसेक पानी मौजूद हैं इसके अलावा 29 फरवरी 1996 में सुनाए गए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन के लिए मुनक में हरियाणा ने 330 क्यूसेक अधिक पानी दिया है

ऊपरी यमुना नदी बोर्ड की 52वीं व 54वी बैठक में इस स्थिति के पुष्टि भी कर चुका है इस साल मई के महीने में दिल्ली ने इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट में एक सिविल रिट याचिका दायर की थी कि हरियाणा दिल्ली के हिस्से का पूरा पानी नही दे रहा है जल शक्ति मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में समिति की रिपोर्ट के आधार पर खारिज कर दिया है