प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। जिन महिलाओं ने महामारी के कारण या किसी अन्य वजह से अपने पतियों को खोया है वे महिलाएं अब से खुद का कारोबार शुरू कर पाएंगी और अपने परिवार का विकास कर पाएंगी।
प्रदेश की विधवा महिलाओं को अपना व्यवसाय करने के लिए तीन लाख रुपए तक का लोन आसान किश्तों में उपलब्ध करवाया जायेगा। इस योजना का लाभ उठाकर महिलाएं अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकती हैं।
इसके लिए महिला विकास निगम की ओर से तीन लाख रुपए तक का लोन बिना किसी ब्याज के उपलब्ध करवाएगी। इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। जिन महिलाओं की वार्षिक आय 3 लाख रुपए तक है और आयु 18 से 55 वर्ष है उन्हीं को इस योजना का लाभ मिलेगा।
नियमानुसार बैंक लोन पर जो ब्याज लगेगा उसे निगम की ओर से सब्सिडी के रूप में अदा की जाएगी। जिसकी अधिकतम राशि 50 हजार रुपए होगी और यह राशि तीन वर्ष तक दी जाएगी। महिलाओं को सिलाई- कढ़ाई, ऑटो, ई-रिक्शा, मसाला या अचार, खाद्य प्रसंस्करण यूनिट, कैरी बैग का निर्माण, बेकरी, रेडीमेड गारमेंट्स, कम्प्यूटर जांच वर्क्स आदि कार्यों के लिए लोन के साथ ट्रेनिंग भी करवाई जाएगी।
रोहतक के जिला उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार का कहना है कि सरकार की ओर से लगातार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। विधवा महिलाओं को भी तीन लाख रुपये तक के लोन की सुविधा दी जा रही है। उनको भी सरकार की इस कल्याणकारी योजना का लाभ उठाना चाहिए और अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाना चाहिए।