बुधवार को डॉ धन सिंह रावत द्वारा विधानसभा में निजी अस्पतालों व आईएमए पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की। इस दौरान दोनों ने आयुष्मान योजना से जुड़ी परेशानियों से मंत्री को अवगत कराया।
डॉ रावत ने स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को निर्देश दिए कि योजना से जुड़ी निजी अस्पतालों की सभी समस्याओं को दूर किया जाए। डॉ रावत ने निजी अस्पतालों व आईएमए पदाधिकारियों से इस योजना को और बेहतर व प्रभावी बनाने के लिए सुझाव देने का अनुरोध भी किया।
बैठक के दौरान आईएमए पदाधिकारियों एवं निजी अस्पताल संचालकों ने अस्पतालों में डॉक्टरों व सहयोगी स्टाफ के साथ होने वाली अप्रिय घटनाओं पर रोक लगाने के लिए उत्तराखंड चिकित्सा परिचर्या सेवाकर्मी और सेवा संस्था अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू करने की मांग की। इस पर विभागीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस संदर्भ में जल्द कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों व आम लोगों को योजना के तहत बेहतर इलाज की सुविधा देना है। उन्होंने कहा कि जल्द ही उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर गोल्डन कार्ड, सूची में लोगों के नाम न होने, इलाज व जांच की दरों से जुड़ी सभी परेशानियों को दूर किया जाएगा। निजी अस्पतालों व आईएमए पदाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सभी अस्पतालों को इस पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने निजी अस्पतालों से इस संदर्भ में भी सुझाव मांगे हैं।
बैठक में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपतिडा. विजय धस्माना, गुरू रामराय विवि के कुलपति डा. यूएस रावत, आईएमए उत्तराखंड के महासचिव डा. अजय खन्ना, अध्यक्ष देहरादूनडा. अमित सिंह, डा. संजय उप्रेती, डा. महेश कुडियाल, डा. आरके जैन, डा. अजित गैरोला,डा. विपुल कंडवाल, डा. ईशान शर्मा, डा. राहुल प्रसाद, डा. कृष्ण अवतार, डा. हरीश कोहली सहित अनेक अस्पतालों के प्रतिनिधि शामिल थे।