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खोरी को बचाने के लिए अब फरियादी पहुँचे जंतर मंतर, सत्याग्रह का मार्ग अपनाकर किया आंदोलन

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खोरी गांव के घरो के मामलों में पिछले कई वर्षो से संघर्ष हो रहा है। इस लंबे संघर्ष का ही परिणाम है कि अभी तक हम सभी खोरी वासियों के घर टूटने से बचे हुए हैं वरना सरकार तो कभी के उजाड़ दी होती।खोरी वासियों का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इसी मामले में 7 जून 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने बस्ती को उजाड़ने के लिए आदेश जारी किया था। मजदूर आवास संघर्ष समिति खोरी गांव की ओर से फिर से एक फ्रेश पिटीशन अशोक कुमार बनाम स्टेट ऑफ हरियाणा सुप्रीम कोर्ट में दिनांक 16 जून, 2021 को फाइल की गई थी और 17 जून, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने फिर से खोरी गांव को उजाड़ने के आदेश दिए थे।

इस आदेश के बाद मजदूर आवास संघर्ष समिति खोरी गांव के साथियों ने फिर से एक आइए(recall for order) बनाकर सुप्रीम कोर्ट में दिनांक 24 जून, 2021 को फाइल किया है जिसकी सुनवाई 27 जुलाई, 2021 को सुप्रीम कोर्ट में होना तय है। इस मामले में पैरवी सीनियर ऐडवोकेट कोलिन गोंसाल्वेस करेंगे।

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मजदूर आवास संघर्ष समिति खोरी गांव के साथियों ने आज जंतर मंतर रोड पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सुबह से भूखे सारे साथियों ने अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए हरियाणा सरकार को सत्याग्रह के माध्यम से संदेश देने का प्रयास किया।

खोरी को बचाने के लिए अब फरियादी पहुँचे जंतर मंतर, सत्याग्रह का मार्ग अपनाकर किया आंदोलन

मजदूर आवास संघर्ष समिति की मांग है की हरियाणा सरकार तत्काल उचित संयुक्त सर्वे कर पुनर्वास का प्लान खोरी गांव के साथ सांझा करे। बिना पुनर्वास के विस्थापन इस महामारी में एक अपराध के समान है।

खोरी को बचाने के लिए अब फरियादी पहुँचे जंतर मंतर, सत्याग्रह का मार्ग अपनाकर किया आंदोलन

सरकार को समय न गवा कर पुनर्वास पर विचार करना चाहिए। 6 हफ्ते का समय सरकार ने मात्र फौज इकट्ठा करने में लगा दिया जबकि महत्त्वपूर्ण काम पुनर्वास का था जिसको सरकार तव्वजो नही दे रही है।

खोरी को बचाने के लिए अब फरियादी पहुँचे जंतर मंतर, सत्याग्रह का मार्ग अपनाकर किया आंदोलन

सरकार को सभी खोरी वासियों को पुनर्वास देकर देश के सामने अपना अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए ताकि अन्य राज्य हरियाणा सरकार से सीखे।

परंतु हरियाणा सरकार को थोड़ा बड़ा दिल करना पड़ेगा और हरियाणा राज्य शहरी प्राधिकरण पुनर्वास योजना में संशोधन करने की आवश्यकता है ताकि सभी खोरी वासियों का उचित पुनर्वास हो।

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मजदूर आवाज संघर्ष समिति खोरी गांव के सदस्यों ने आज मानवाधिकार संगठन के सहयोग से इकरार अहमद को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करवाई।
आज खोरी गांव के दो मजदूरों इकरार अहमद एवं रिजवान अली को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।

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