उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक पिता और पुत्र की उक्त रूप से मैक्रोनी खाने से मृत्यु हो गई। जबकि एक महिला समेत दो बच्चो की हालत खराब बताई जा रही है। घर में हुई मौतों के बाद सब जगह कोहराम मच गया। घटना रविवार देर रात की है। इसकी सूचना मिलते ही डॉक्टर की एक टीम गांव पहुंची, जहां उन्होंने बीमार लोगों का इलाज करना शुरू किया।
घटना थाना खुटार के गांव छापा बोझी की है, जहां एक पिता–पुत्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। साथ ही एक महिला और दो बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो गए। उत्तर प्रदेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि शंकर लाल का पुत्र रजनीश रविवार को गांव की एक दुकान से खुली मैक्रोनी लाया था। मैक्रोनी खाने के बाद परिवार के सदस्यों को उल्टी-दस्त की शिकायत शुरू हो गई।
डॉ. सिंह ने गांव में भेजी गई एक टीम के हवाले से बताया कि गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर के पास इलाज के लिए गए और इलाज के दौरान शंकरलाल (45) ने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि शंकरलाल की मौत के बाद जब उनके बेटे रजनीश (17) की हालत ज्यादा गंभीर हो गई तो रविवार शाम उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां देर रात उसकी भी मौत हो गई।
परिवार के तीन अन्य लोग बीमार हैं जिनका इलाज किया जा रहा हैं। सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही गांव में रविवार रात को एक टीम भेजी गई।
घटना की जानकारी पाकर पुलिस और सीएचसी में तैनात डॉक्टर संजीव ने घर पर ही बाकी सदस्यों का इलाज शुरू कर दिया। चिकित्सा प्रभारी का कहना है कि मामला फूड पॉइजनिंग का लग रहा है।
डॉ. सिंह ने बताया कि रजनीश की बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भेज दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। घटना के बाद झोलाछाप डॉक्टर और मैक्रोनी बेचने वाला दुकानदार दोनों फरार हैं। साथ ही पूरे जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।