समाज मे अक्सर हम लोग समानता की बात करते है। परंतु कड़वा सत्य तो यह है कि संविधान में समानता को मौलिक अधिकार जोड़े जाने के बावजूद भी समाज का एक तबका शिक्षा और रोटी जैसी मूलतम सुविधाओं के लिए भी जद्दोजहद करता हुआ नजर आता है। कुछ को मिल जाती है तो कुछ भूखे पेट ही बिना किसी सहारे के सो जाते हैं। हालांकि कुछ संस्थाएं इन लोगों के लिए बेहतरीन काम कर रही हैं और उनमें से ही एक है नन्हीं उड़ान।
साल 2019 में कुछ जागरूक लोगों ने गरीब बच्चों की अवस्था देखकर उन्हें पढ़ाने की ठान ली और यहीं से शुरू हुआ नन्हीं उड़ान का सिलसिला। इसकी शुरुवात महज़ एक छोटे से पार्क में 6 लोगो द्वारा की गई थी।
कुछ इस तरह से हुई शुरुवात
जिनमे मुख्यतौर पर शगुन शर्मा व उनके कुछ दोस्त शामिल थे।शुभम गुप्ता, राजन शुक्ला,ललित, नदीम, और संदीप इस संस्था के संस्थापक सदस्य बने जिन्होंने इस संस्था की स्थापना की। 2 फरवरी 2019 को छोटू राम पार्क से शुरू हुआ यह सिलसिला आज जिलों के विभिन्न हिस्सों तक जा पहुँचा है।
शुरुवात में बच्चों को इकट्ठा कर नन्ही उड़ान के सदस्यों ने उन्हें पार्क में पढ़ाना शुरू किया। इसके बाद लोग धीरे धीरे संस्था का काम देखकर उसके साथ जुड़ते हुए चले गए और आज यह परिवार 50 लोगो का बन चुका है।
कक्षा 12वी तक देते है निःशुल्क शिक्षा
बच्चो को पढ़ाना,खिलाना, उनकी किताबों का इंतजाम करना व अन्य सामग्री जो भी उन्हें पढ़ाई के वक्त चाहिए,नन्हीं उड़ान उन्हें वह सब उपलब्ध करवाता है जिससे कि शिक्षा की राह में उन्हें कोई भी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
कक्षा 12 वी तक के बच्चों को नन्ही उड़ान पिछले दो साल से मुफ्त शिक्षा दे रहा है। इसके अलावा नवोदय विद्यालय के लिए होने वाले दाखिले के टेस्ट के लिए भी वह बच्चों को लगातार तैयारी करवा रहे हैं।फिलहाल महामारी के चलते यह क्लास ऑनलाइन दी जा रही हैं।
महामारी में किया ऑनलाइन क्लास का आयोजन
बच्चों को ऑनलाइन क्लास में सुविधा के लिए मोबाइल फोन भी दिए जाते हैं इसके लिए लोगों से व वालंटियर्स से ऑनलाइन सहायता मांगी जाती है जिससे जिसके पास जो भी पुराने फोन या ऐसे फोन जो अब काम में नहीं लिए जा रहे उन्हें इन गरीब बच्चों को दे दिया जाता है।
प्रोजेक्ट अन्नपूर्णा के तहत देते है भोजन
इसके अलावा नन्हीं उड़ान के और भी कई प्रोजेक्ट हैं जिन पर वह काम कर रहे हैं उन्हीं में से एक है प्रोजेक्ट अन्नपूर्णा जिसके तहत ₹5 में हर रविवार को ओल्ड फरीदाबाद में रेड लाइट पर बेसहारा और भूखे लोगों को खाना खिलाया जाता है अगर किसी के पास वह ₹5 भी नहीं है तो वह निशुल्क भी खा सकता है।खाना संस्थान के वॉलिंटियर्स खुद अपनी देखरेख में चुनिंदा सामग्री के साथ बनवाते हैं।
महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किया यह काम
इसके अलावा प्रोजेक्ट वूमेन एंपावरमेंट के साथ नन्ही उड़ान लगातार महिलाओं को सशक्त करने का काम कर रहा है। बल्लभगढ़ की झुग्गी झोपड़ियों में जा जाकर नन्ही उड़ान के वॉलिंटियर्स ने महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में सूचित किया व उनमें से चार महिलाएं ऐसी भी सामने आई जिन्होंने स्किल ट्रेनिंग लेकर आगे जाकर रोजगार को भी पाया व खुद अपने पैरों पर खड़े होने में कामयाब रही।
महामारी में निभाई अहम भूमिका…
कुछ अन्य प्रोजेक्ट जैसे प्रोजेक्ट एनवायरमेंट और प्रोजेक्ट स्ट्रे डॉग्स के तहत नन्हीं उड़ान पर्यावरण आवारा जानवरों के लिए भी लगातार काम कर रही है। इसके अलावा महामारी के दौरान नन्ही उड़ान पूरे जिले में अपने बेहतरीन काम की वजह से उभरकर आई।
लोगों को सूखा राशन पहुंचाने से लेकर उनके लिए अस्पताल में बेड का ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाना इस सब का बेड़ा नन्ही उड़ान ने उठाया व जितने लोगों की मदद उनसे संभव हो पाई उन्होंने की।
आगे आने वाले समय मे वह अपने इस काम को दूसरे जिलों व पूरे प्रदेश में चलाना चाहते हैं वह अपने परिवार को और बड़ा करना चाहते हैं जिससे जनकल्याण कार्यों में तेजी लाई जा सके अगर आप लोग भी इस संस्था से जुड़कर समाज के किसी कार्य में योगदान देना चाहते हैं तो नीचे दिए गए नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं-
NGO-Nanhi Udaan, Dream India to Educate India
Contact Person- Ritu Arora, PRO and Project Head, Nanhi Udaan, Dream India to Educate India
Contact No.9990137755