हरियाणा सरकार और दिल्ली सरकार आमने-सामने, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली के सीएम को सुनाई खरी खरी

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दिल्ली और हरियाणा के बीच एक बार फिर से पानी का मुद्दा गर्मा गया है। केजरीवाल सरकार का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट में जाने के निर्णय के बाद हरियाणा ने दिल्ली के हिस्से का पानी यमुना नदी में छोड़ दिया है। दिल्ली सरकार के इस दावे को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गलत बताते हुए कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली का एक बूंद पानी भी नहीं रोका गया है।


मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जब भी कुछ गलत हुआ तो दिल्ली को हरियाणा को दोष देने की आदत है। खट्टर ने कहा, “ऑक्सीजन की समस्या पर भी यही हुआ, उन्हें 700 मीट्रिक टन मिली; 2.9 करोड़ की आबादी होने के बावजूद हमें 282 मीट्रिक टन मिली। हमारे पास उनसे ज्यादा मरीज थे, ज्यादा अस्पताल थे, हमारा एरिया ज्यादा था, दिल्ली से भी लोग इलाज के लिए हमारे पास आ रहे थे… वे हम पर प्रदूषण का आरोप भी लगाते हैं। दिल्ली में यातायात से कितना प्रदूषण होता है?

हरियाणा सरकार और दिल्ली सरकार आमने-सामने, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली के सीएम को सुनाई खरी खरी

उद्योग से कितना प्रदूषण… ये ऐसी चीजें हैं जो उन्होंने खुद बनाई हैं। अगर कुछ ऐसा है जो वे नहीं समझ सकते हैं, तो वे हरियाणा पर दोष लगाते हैं … अगर आप दिल्ली को नहीं संभाल सकते, तो हरियाणा को दे दो, हम इसे मैनेज कर लेंगे।”


मीडिया से बात करते हुए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार हमें जितना पानी देना है, पानी की पूरी मात्रा दी जा रही है, एक बूंद कम नहीं दी जा रही है।

हरियाणा सरकार और दिल्ली सरकार आमने-सामने, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली के सीएम को सुनाई खरी खरी

हरियाणा को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उसे भी दिल्ली की तरह पानी की जरूरत है। जहां हरियाणा की आबादी 2.90 करोड़ है, वहीं दिल्ली की आबादी 2 करोड़ है।


दिल्ली सरकार को है विज्ञापन का शौक
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार को विज्ञापन का बहुत शौक है।

ऑक्सीजन के मामले में भी दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन को संग्रहित किया वहीं पानी के मामले में भी दिल्ली सरकार ऐसा ही कर रही है।