अब कार के साथ हरियाणा में बनेंगी मारुति की मोटर साइकल भी, सरकार दे रही है 900 एकड़ जमीन

0
579

मारुति डिजायर के हरियाणा से पलायन को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला के बयानों को खारिज करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि करीब 900 एकड़ जमीन पर मारुति जल्दी ही दो नए प्लांट लगाने वाला है। इनमें से 800 एकड़ जमीन खरखौदा में कंपनी के गाड़ियां बनाने और 100 एकड़ जमीन सुजुकी की मोटोसाइकिल बनाने के लिए इच्छा जाहिर की है। साथ ही गाड़ियों की बैटरी बनाने वाली दो बड़ी कंपनियों ने भी निवेश की इच्छा जाहिर की है।

दुष्यंत ने कहा कि उनके आरोप तथ्यात्मक नहीं हैं, वह केवल सनसनी पैदा करना चाहते हैं। हरियाणा में मारुति कार का उत्पादन ज्यों का त्यों रहेगा, वह अपना कुछ तकनीकी स्टाफ शिफ्ट कर रहे हैं।

अब कार के साथ हरियाणा में बनेंगी मारुति की मोटर साइकल भी, सरकार दे रही है 900 एकड़ जमीन

महामारी के कारण बेरोजगार होने वाले लोगों को अब इन कंपनियों के हरियाणा में निवेश के बाद रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। नए–नए प्रोजेक्ट्स लगने से प्रदेश में रोजगार बढ़ेगा। इसके लिए हरियाणा के 75 प्रतिशत लोगों के लिए रोजगार का प्रावधान किया गया है। अगर यहां आवश्यकतानुसार लोग नहीं मिले तो बाहर से लोग ला सकते हैं।

अब कार के साथ हरियाणा में बनेंगी मारुति की मोटर साइकल भी, सरकार दे रही है 900 एकड़ जमीन

उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में उनकी और मुख्यमंत्री की सुजुकी के सीईओ, बोर्ड डायरेक्टर, एमडी और चेयरमैन के साथ मीटिंग हुई थी। कंपनी के प्रबंधकों ने एचएसआईडीसी से खरखौदा में मारुति कारों के लिए करीब 800 एकड़ जमीन और 100 एकड़ जमीन सुजुकी की मोटरसाइकिल के लिए चाहिए।

अब कार के साथ हरियाणा में बनेंगी मारुति की मोटर साइकल भी, सरकार दे रही है 900 एकड़ जमीन

उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा में यदि महामारी की मार नहीं पड़ी तो यहां अगले दो–तीन माह बड़ी औद्योगिक इकाइयां आने वाली है। उन्होंने यह भी बताया कि महामारी और किसान आंदोलन के बावजूद राजस्व में 17 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। शराब की बिक्री से करीब 7 हजार करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है। प्रदेश सरकार ने टैक्स कलेक्शन में भ्रष्टाचार के तमाम रास्ते बंद कर दिए हैं।

अब कार के साथ हरियाणा में बनेंगी मारुति की मोटर साइकल भी, सरकार दे रही है 900 एकड़ जमीन

उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि आंदोलन अब अपनी हदें पार करता जा रहा है। यह एक राजनीतिक आंदोलन में तब्दील हो चुका है। यहां कोई सरपंच के चुनाव की तैयारी कर रहा है तो कोई कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। यह किसानों का नहीं राजनीतिक दलों का आंदोलन है। सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की योजना बना रही है।