अब सरकारी राशन डिपुओं के आगे अनाज लेने के लिए उपभोक्ताओं को न तो लंबी लाईनों में लगना होगा और न ही राशन कम मिलने की शिकायत का कोई मौका रहेगा, क्योंकि हरियाणा सरकार अब प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए ‘ग्रेन एटीएम’ (अनाज का एटीएम) स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है।
हरियाणा के गुरुग्राम जिला में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर देश का पहला 'ग्रेन एटीएम' स्थापित कर दिया गया है। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास खाद्य एवं आपूर्ति का प्रभार भी है, का कहना है कि 'ग्रेन एटीएम' लगने से सरकारी दुकानों से राशन लेने वालों के समय और पूरा माप न मिलने को लेकर तमाम शिकायतें दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस मशीन लगाने का मकसद “राइट क्वांटिटी टू राइट बेनिफिशरी” है।
उन्होंने कहा कि इससे न केवल उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा बल्कि सरकारी डिपुओं पर अनाज घटने का झंझट भी खत्म होगा और सार्वजनिक अनाज वितरण प्रणाली में पहले से अधिक पारदर्शिता आएगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि ये मशीनें न केवल सरकारी डिपो सचालकों को अनाज वितरण में सहायक साबित होंगी बल्कि इससे डिपो संचालकों का समय भी बचेगा। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम जिला के फर्रुखनगर में यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद इन अन्न-आपूर्ति मशीनों को प्रदेशभर में सरकारी डिपुओं पर लगाने की योजना है।
ऐसे काम करती है ग्रेन एटीएम मशीन
यह एक स्वचालित मशीन है जो कि बैंक एटीएम की तर्ज पर कार्य करती है। ‘यूनाइटेड नेशन’ के :वर्ल्ड फूड प्रोग्राम’ के तहत स्थापित की जानी वाली इस मशीन को ऑटोमेटिड, मल्टी कमोडिटी, ग्रेन डिस्पेंसिंग मशीन कहा गया है। इस कार्यक्रम से जुड़े अधिकारी अंकित सूद का कहना है कि अनाज के मापतोल को लेकर इसमें त्रुटि न के बराबर है और एक बार में यह मशीन 70 किलोग्राम तक अनाज पांच से सात मिनट में निकाल सकती है।
मशीन में लगी टच स्क्रीन के साथ एक बायोमेट्रिक मशीन भी लगी हुई है, जहां पर लाभार्थी को आधार या राशन कार्ड का नंबर डालना होगा।
बायोमेट्रिक से प्रमाणिकता होने पर लाभार्थियों को सरकार द्वारा निर्धारित अनाज स्वत: मशीन के नीचे लगाए गए बैग में भर जाएगा। इस मशीन के माध्यम से तीन तरह के अनाज गेहूं, चावल और बाजरा का वितरण किया जा सकता है। फिलहाल फर्रुखनगर में स्थापित ग्रेन एटीएम मशीन से गेहूं का वितरण शुरू कर दिया गया है।