HomeUncategorizedसरकारी सेवाओं की तुरंत डिलीवरी हेतु मनोहर सरकार ने बनाया यह अधिनियम,...

सरकारी सेवाओं की तुरंत डिलीवरी हेतु मनोहर सरकार ने बनाया यह अधिनियम, नही काटने होंगे दफ्तरों के चक्कर

Published on

चंडीगढ़, 14 जुलाई- एक दौर था जब सरकारी तंत्र में गोपनीयता के नाम पर आम आदमी को हर उस जानकारी या सूचना से महरूम रखा जाता था जो किसी भी तरह से उसके काम की हो सकती थी । लेकिन ‘आरटीआई’ यानी सूचना का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद से सरकारी महकमों की कार्य-शैली में एक क्रांतिकारी बदलाव देखा व महसूस किया गया। इसे इस अधिनियम का जादुई करिश्मा ही कहा जा सकता है कि आरटीआई आज हर व्यक्ति की जुबान पर चढ़ा हुआ है। सूचना तक जनसाधारण की पहुंच हो जाने के बाद अब जरूरत है, ‘आरटीएस’ यानी सेवा का अधिकार को सख्ती से लागू करने की और लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का शुरू से ही सुशासन पर जोर रहा है। अगर सही मायने में देखा जाए तो तमाम सरकारी महकमों से पडऩे वाले आमजन के रोजमर्रा के काम समय से हो जाएं, उन्हें अपने कामों के लिए बाबुओं का मुँह न ताकना पड़े, सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें, यही सुशासन है।

सरकारी सेवाओं की तुरंत डिलीवरी हेतु मनोहर सरकार ने बनाया यह अधिनियम, नही काटने होंगे दफ्तरों के चक्कर

इसी कड़ी में, जनसाधारण को सरकारी महकमों द्वारा दी जा रही विभिन्न सेवाओं की डिलीवरी समय पर सुनिश्चित करवाने के मकसद से राज्य सरकार द्वारा सेवा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया है।

सरकारी सेवाओं की तुरंत डिलीवरी हेतु मनोहर सरकार ने बनाया यह अधिनियम, नही काटने होंगे दफ्तरों के चक्कर

अधिनियम को सही ढंग से लागू करवाने के लिए बाकायदा हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग बनाया गया है। आयोग के चीफ कमीश्नर के प्रयासों से आज राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की 551 सेवाएं व योजनाएं इस कानून के दायरे में हैं।

आयोग की सचिव मीनाक्षी राज का कहना है कि आयोग का कर्तव्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी विभागों द्वारा इस अधिनियम को सही ढंग से लागू किया जाए। इस उद्देश्य के लिए आयोग, अधिनियम के अनुरूप सेवा डिलीवरी में विफल रहने पर स्वत: संज्ञान ले सकता है और ऐसे मामलों को निर्णय के लिए प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी या द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी को भेज सकता है।

सरकारी सेवाओं की तुरंत डिलीवरी हेतु मनोहर सरकार ने बनाया यह अधिनियम, नही काटने होंगे दफ्तरों के चक्कर
मीनाक्षी राज

सेवा डिलीवरी से जुड़े कार्यालयों तथा प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकारी या द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकारी के दफ्तरों का निरीक्षण कर सकता है। इस अधिनियम के तहत कार्यों का निर्वहन करने में विफल रहने वाले राज्य सरकार के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश कर सकता है।

सरकारी सेवाओं की तुरंत डिलीवरी हेतु मनोहर सरकार ने बनाया यह अधिनियम, नही काटने होंगे दफ्तरों के चक्कर

उन्होंने बताया कि सेवा डिलीवरी को और अधिक पारदर्शी बनाने के मकसद से आयोग इनकी प्रक्रिया में बदलाव की सिफारिश कर सकता है। अधिनियम की धारा-3 के तहत अतिरिक्त सेवाएं अधिसूचित करने तथा पहले से जारी अधिसूचनाओं में संशोधन की सिफारिश भी कर सकता है।

सेवा का अधिकार आयोग के पास ऐसी सेवा उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया में शामिल पदनामित अधिकारी या किसी अन्य कर्मचारी पर 20 हजार रुपये तक जुर्माना लगाने और कोताही बरतने वाले अधिकारी या कर्मचारी से पात्र व्यक्ति को 5 हजार रुपये तक मुआवजा दिलवाने का भी अधिकार है।

सेवा का अधिकार आयोग की सचिव मीनाक्षी राज ने बताया कि अगर आयोग की संतुष्टि हो जाए कि इस अधिनियम के प्रावधानों के चलते उत्पन्न होने वाले किसी मामले में जांच का तर्कसंगत आधार है तो यह स्वत: संज्ञान लेकर मामले में जांच शुरू कर सकता है।

इस धारा के तहत किसी मामले में जांच के दौरान आयोग के पास वही शक्तियां होंगी जोकि नागरिक आचार संहिता, 1908 के तहत किसी मुकद्दमे की सुनवाई के दौरान किसी सिविल कोर्ट के पास होती हैं।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...