घरों में पीने का पानी नहीं और सड़कों पर बहाया जाता है बिसलरी जैसा पानी, स्मार्ट सिटी की स्मार्ट तराई

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जिला फरीदाबाद में पिछले कई दिनों से पानी की किल्लत को लेकर लगातार प्रदर्शन और बड़ी बड़ी घटनाएं सामने आ रही है वहीं दूसरी ओर हार्डवेयर प्याली चौक पर सड़क की तराई के लिए रहने वालों का साफ पानी इस्तेमाल किया जा रहा है। इस खबर को जानने के बाद सवाल उठता है उन अधिकारियों से जो यह जानते हुए कि शहर में साफ पानी की किल्लत है लेकिन फिर भी जमकर पानी की बर्बादी की जा रही है।

दरअसल मामला हार्डवेयर प्याली चौक सड़क का है जहां ठेकेदार हार्डवेयर चौक से एनआईटी की तरफ जाने वाली लेने वालों की लाइन को तोड़कर चोरी चुपके पाइप के माध्यम से सीमेंटेड सड़क की तराई कर रहा है इसी कारण वर्ष बाकी सेक्टरों में पानी का प्रेशर भी कम देखने को मिला लोगों की छतों पर रखी पानी की टंकियों में भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पहुंचा।

घरों में पीने का पानी नहीं और सड़कों पर बहाया जाता है बिसलरी जैसा पानी, स्मार्ट सिटी की स्मार्ट तराई

नगर निगम कमिश्नर डॉ गरिमा मित्तल को जब इस मामले के बारे में पता चला तो उन्होंने अधिकारियों को इसकी जांच के लिए आदेश दिए । साथ ही यह भी कहा कि अगर ठेकेदार पीने के पानी से सड़क की तराई कर रहा है तो यह बेहद गलत है एनआईटी की कॉलोनियों को नेशनल हाईवे से जोड़ने वाली प्याली हार्डवेयर सड़क पिछले कई साल से खराब थी। इस मुख्य मार्ग से रोज 15000 वाहनों का गुजरना लगा रहता है लेकिन नगर निगम ने इस सड़क को नहीं बनाया लोगों व कई सामाजिक संस्थाओं ने इस को लेकर विरोध प्रदर्शन किया भूख हड़ताल की एवं धरना दिया जिसके बाद सरकार ने छह करोड़ की लागत से 2 किलोमीटर लंबी सड़क को बनाने के लिए एस्टीमेट अम जारी किया ।

घरों में पीने का पानी नहीं और सड़कों पर बहाया जाता है बिसलरी जैसा पानी, स्मार्ट सिटी की स्मार्ट तराई

कि इस सड़क को 6 महीने के अंदर बनाकर तैयार करना है लेकिन ठेकेदारों ने 3 महीने बीत जाने के बाद भी सड़क की एक साइड का काम भी पूरा नहीं किया नगर निगम सूत्रों के हवाले की माने तो 6 करोड रुपए की लागत से बनाई जाने वाली सड़क में अब तक 25 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। अब देखना यह है कि नगर निगम की जांच पड़ताल इस सड़क को लेकर कब खत्म होती है और कब पानी की बर्बादी को रोका जाएगा हालांकि इस सड़क को बनना भी बेहद जरूरी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोगों के घरों से पानी छीन कर सड़क की तराई की जाए।