हरियाणा यमुना नदी में पानी का बहाव कम हो जाने के बावजूद दिल्ली को पूरा पानी दिया जा रहा है। इस तरह हरियाणा खुद प्यासा रहने के बावजूद दिल्ली के लिए पूरा पानी रिलीज कर रहा है। दूसरी ओर, दिल्ली सरकार अब भी हरियाणा पर पानी को लेकर दोषारोपण कर रही है।मामले के बारे में बता दें, दरअसल मानसून की दस्तक के बावजूद नदियों में खासकर यमुना में पानी का बहाव सामान्य से कम है। हथनीकुंड बैराज पर भी यमुना में पानी का बहाव कम है।
जिला फरीदाबाद की यदि बात करें तो पानी की किल्लत से जगह-जगह लोग परेशान दिखाई देते हैं । लेकिन इसके बावजूद भी हरियाणा से पानी दिल्ली में दिया जा रहा है इसीलिए जिस प्रदेश में खुद ही पानी की किल्लत है वो राजधानी की सहायता कर रहा है ।
फरीदाबाद की यदि बात करें तो यहां यमुना नदी गुडगांव कैनाल लेक और आगरा कैनाल लेक होने के बावजूद भी कई इलाके ऐसे हैं जहां पानी का पानी तक नहीं मिलता । बारिश होने में देरी के कारण इनका स्तर भी धीरे-धीरे कम होता जा रहा है।
50 हजार क्यूसेक पार करने पर नहरों की सप्लाई रोक दी जाती है
यमुना का जलस्तर 50 हजार क्यूसेक पार करने के बाद पश्चिमी यमुना नहर, उत्तरी यमुना नहर व आवर्धन नहर की सप्लाई रोक दी जाती है। पहाड़ों में बारिश के कारण शिल्ट व लकडि़यां पानी के साथ बहकर आती हैं और ये नहरों पर लगी बिजली इकाइयों के लिए घातक साबित होती हैं। इसलिए नहरों की सप्लाई रोककर नदी में पानी छोड़ दिया जाता है। हर साल की बात की जाए तो इन दिनों बहाव सामान्य रहता है।